सीरिया का स्याह सच, घास खा रहे हैं बच्चे... (वीडियो)

Webdunia
शुक्रवार, 29 मई 2015 (14:22 IST)
यह उस सीरियाई बच्चे के शब्द हैं जिसे दो दिनों से खाना नहीं मिला है। इस बच्चे की उम्र करीब पांच वर्ष है। उसने अपने इंटरव्यू करने वाले से कहा कि वह भूखों मर रहा है और उसने एक लम्बे समय से रोटी नहीं खाई है और केवल घास खाकर जिंदा है।
 
बच्चे से बातचीत की यह क्लिप संभवत: सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो में फिल्माई गई है। यह शहर 2012 में शुरू हुए गृह युद्ध के कारण बर्बाद हो गया है। मेलऑनलाइन के लिए टिम मैकफारलान का कहना है कि अगर आपको बच्चों की जानकारी मिले तो उन्हें इस आशय की जानकारी दी जाए।
 
एक छोटे सीरियाई बच्चे के साथ मर्मस्पर्शी इंटरव्यू में वह कहता है कि वह इतना अधिक भूखा रहता है कि उसे अपने परिजनों के साथ घास खानी पड़ रही है। इस बच्चे का साक्षात्कार पत्‍थरों के एक घर में लिया गया था। गंदा और मलिन, बेतरतीब बालों और बीमार सी भूरी आंखों वाले बच्चे से पूछा जाता है कि 'छोटे बच्चे, क्या तुम भूखे हो? उसका उत्तर होता है, 'हां।' जब उससे पूछा जाता है कि उसके कितने समय से खाना नहीं खाया है तो उसका उत्तर है, ' दो दिन से।' 
 
इस स्थान पर सिविल डिफेंस के सदस्य और नागरिक उन लोगों को खोज रहे हैं जिस स्थान पर‍ पिछले मंगलवार को बैरल बम से हमला किया गया था। यह हमला अलेप्पो के पुराने शहर में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की समर्थक सेना ने किया था।
 

कैमरे लड़के के चेहरे को तब जूम करता है जबकि वह फोटोग्राफर से कहता है कि उसे थोड़ी सी रोटी की जरूरत है क्योंकि उसने एक लम्बे समय से रोटी नहीं खाई है। पर जब उससे पूछा जाता है कि वह जिंदा बने रहने के लिए क्या खा रहा है तो बच्चे का झकझोर देने वाला जवाब था: 'हम घास खा रहे हैं।'


इसके जवाब में इंटरव्यू करने वाला बच्चे से केवल 'अल्लाहूअकबर' या 'ईश्वर महान है' ही कह सका। युद्ध से पहले सीरिया के पास वर्ष भर के लिए तीस लाख टन गेहूं था। मार्च में सरकारी अधिकारियों ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि देश में कितना गेहूं बचा है। लेकिन सरकार ने दावा किया कि देश में भुखभरी का सामना करने वाले लोगों के लिए सरकार डेढ़ लाख टन गेहूं का आयात कर रही है। 
 
हालांकि लाखों की संख्या में सीरियाई लड़ाई के डर से पड़ोसी देशों में भाग रहे हैं लेकिन इसके बावजूद असद की सरकार लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की हालत में नहीं है। 
 
कारोबारी सूत्रों का कहना है कि दमिश्क को भुगतान की समस्याओं के चलते पर्याप्त स्टॉक्स आयात करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सीरिया का एक बड़ा शहर वर्ष 2012 में गृह युद्ध के बाद दो हिस्सों में बंट गया है जिसके एक भाग पर सरकारी और दूसरे पर विद्रोहियों का कब्जा बना हुआ है। जो लोग शहर से नहीं भागे हैं वे नारकीय हालात में जी रहे हैं। एम्नेस्टी इंटरनेशनल की 62 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि बैरल बमों से यह शहर विनाश और रक्तपात की दुखद तस्वीर बनकर रह गया है। इन बमों को हेलिकॉप्टरों के जरिए स्कूलों, अस्पतालों, मस्जिदों और भीड़ भरे बाजारों पर बरसाया जाता है।    
 
पांच वर्ष से चल रही इस लड़ाई में बहुत से स्कूलों और अस्पतालों ने तलघरों में शरण ले रखी है, लेकिन इसके बावजूद सीरिया की सरकारी सेना, विद्रोही मिलिशिया और कुर्द गुटों के बीच लड़ाई जारी है। 
Show comments

PM मोदी को पसंद आया खुद का डांस, एक्स पर किया कमेंट

राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लिखा खुला पत्र, पढ़िए क्या सलाह दी

PM मोदी ने संविधान को बदलने और खत्म करने का मन बना लिया : राहुल गांधी

LG ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ की NIA जांच की सिफारिश, खालिस्तानी संगठन से पैसा लेने का आरोप

Lok Sabha Elections 2024: क्या वाकई 2 चरणों में कम हुई वोटिंग, SBI की Research रिपोर्ट में सामने आया सच

तीसरे चरण में रात 8 बजे तक 60% से ज्यादा वोटिंग, महाराष्ट्र में सबसे कम

बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने पर SC ने लगाई रोक, CBI को कहा- जल्दबाजी में न करे कार्रवाई

हरियाणा में 3 निर्दलीय MLA ने छोड़ा नायब सैनी सरकार का साथ

बंगाल में भारी बारिश के चलते 12 लोगों की मौत, सीएम ममता ने की संवेदना व्यक्त

सुरक्षा बलों को मिली अहम सफलता, 10 लाख के इनामी आतंकी बासित डार को 3 साथियों के साथ मार गिराया