दुनिया के कई नेताओं ने ‘अनफ‍िट’ होने पर भी नहीं छोड़ा पद, शिंजो आबे ने ऐसा क्‍यों किया?

Webdunia
शनिवार, 29 अगस्त 2020 (17:10 IST)
दुनिया में ऐसे कई उदाहरण हैं जब नेताओं ने अपनी ब‍ीमारी छुपाई और पद पर बने रहे, लेकिन जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अनफ‍ि‍ट होने पर प्रधानमंत्री पद से इस्‍तीफा देकर मिशाल कायम की है।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे  ने स्‍वास्‍थ्‍य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

2016 में भारत के तमिलनाडु राज्य की मुख्यमंत्री का उनके कार्यालय में निधन हो गया था। जयललिता दो महीने से अधिक समय से अस्पताल में भर्ती रही थीं। हालांकि, उन्होंने एक पार्टी नेता को अपनी जिम्मेदारियां सौंप दी थीं, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की और अपने जीवन के आखिरी क्षण तक राज्य की मुख्यमंत्री रहीं।

उसी वर्ष, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हुआ था। वह भी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दो सप्ताह तक आईसीयू में रहे, लेकिन उन्होंने अंतिम सांस तक सत्ता पर कब्जा रखा। जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब उनकी सेहत को लेकर भी सवाल उठाये जाते थे। कहा जाता है कि हर सुबह उनके दरवाजे पर दो वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद रहते थे। मीडिया द्वारा बार-बार पूछा गया कि क्या भारत के प्रधानमंत्री अस्वस्थ हैं, लेकिन कभी इसका सीधा जवाब नहीं मिला। क्योंकि सवाल यह था कि वाजपेयी की जगह कौन लेगा? हालांकि, अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे नेता थे, जिन्होंने कभी सत्ता का मोह नहीं किया।

दुनिया के कई नेताओं ने 'अनफिट' करार दिए जाने से डर से अपनी बीमारी को जनता से छिपाया। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी  को ऐडिसन रोग था। जनता से यह बात छिपाई गई और राष्ट्रपति गुप्त रूप से दवाएं लेते रहे। अमेरिकियों को 1919 में वुडरो विल्सन  के स्ट्रोक के बारे में भी नहीं बताया गया। इसी तरह, 1893 में ग्रोवर क्लीवलैंड को अपने मुंह के कैंसर के चलते सर्जरी करानी थी, लेकिन वह अस्पताल नहीं जाना चाहते थे। क्योंकि इससे उनके कैंसर की बात आम हो जाती। कहा जाता है कि उनके एक दोस्त की यॉट पर गुप्त रूप सर्जरी को अंजाम दिया गया था।

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति François Mitterrand का 1996 में प्रोस्टेट कैंसर से निधन हो गया था, लेकिन इससे पहले उन्होंने अपने दो कार्यकाल पूरे किये थे। जायज है, वह काफी पहले से बीमार थे, मगर उनकी सेहत की जानकारी छिपाई जाती रही। हमारे पड़ोसी पाकिस्तान में भी इसी तरह का उदाहरण है। मोहम्मद अली जिन्ना को तपेदिक था और आवाम को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनके निधन के 72 साल बाद भी इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में कहा था कि जिन्ना कैंसर से पीड़ित थे और इसके लिए उन्हें ट्रोल भी किया गया था।

इसके अलावा भी दुनिया में कई उदाहरण मौजूद हैं जब नेताओं ने सत्ता अपने पास रखने के लिए बीमारी छिपाई। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सभी नेताओं के समक्ष एक उदाहरण पेश किया है। शिंजो आबे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे हैं और इस दौरान उन्‍हें कई बार हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा है। खराब तबीयत के चलते शिंजो के इस फैसले की अटकलें पहले की लगाई जा रही थी। बताया जा रहा है कि पिछली बार जब आबे हॉस्पिटल गए थे तब वह करीब 7 घंटे तक वहां रहे थे। उनका कार्यकाल सितबंर 2021 तक है। वह जापान के सबसे ज्‍यादा समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख