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Stephan Hawking Birthday: ‘ब्लैक होल’ के बारे में कितने रहस्‍य उजागर कर गए ‘स्टीफन हॉकिंग’

हमें फॉलो करें Stephan Hawking Birthday: ‘ब्लैक होल’ के बारे में कितने रहस्‍य उजागर कर गए ‘स्टीफन हॉकिंग’
, शनिवार, 8 जनवरी 2022 (15:43 IST)
कम ही लोग जानते हैं कि हॉकिंग ने भी ब्लैक होल के बारे में कई अनोखी जानकारियां दी हैं, जिसके कारण इस रहस्यमयी पिंडों के बारे में बहुत कुछ पता चल सका है।

स्टीफन हॉकिंग ने ब्‍लैक होल को लेकर अहम रहस्य उजागर किए हैं। हॉकिंग से पहले ब्लैक होल पूरी तरह से अनजान और रहस्यमय पिंड हुआ करते थे। 1971 में पहले ब्लैक होल की खोज के बाद हॉकिंग ने इन पिंडों के बारे में कई ऐसी खगोलीय जानकारियां दी जो इनके बारे में जानकारी को स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध हुईं।

8 जनवरी को उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनके बारे में कुछ दिलचस्‍प बातें।
  • स्‍टीफन हॉकिंग के काम ने सुझाया कि ब्लैक होल कभी भी छोटा नहीं हो सकता है खास तौर पर उसके गोलाकार सीमा, जिसे इवेंट होराइजन कहते हैं, कभी कम नही होती है।
  • हॉकिंग ने पहली बार दर्शाया कि अगर क्वांटम यांत्रिकी को शामिल करने पर दिखाया जा सकता है कि ब्लैक होल पूरे ब्लैक नहीं होते बल्कि वे उत्सर्जन भी करते हैं।
  • ब्लैक होल का विकिरण की व्याख्या महीन कणों के जरिए होते माने जाते हैं। सकारात्मक और ऋणात्मक कणों के जोड़े ब्लैक होल की सीमा पर अलग हो जाते हैं, जो सामान्यतया अलग नहीं हो पाते हैं। हॉकिंग ने 1974 में इस विचार पर काम किया और इस विकिरण को हॉकिंग विकिरण (Hwaking Radiation) या हॉकिंग बेकनस्टीन विकिरण कहा गया।
  • कोई संदेह नहीं है कि स्टीफन हॉकिंग के ब्लैक होल पर किए काम ने भौतिकविदों को ब्रह्माण्ड (Universe) की सामान्य स्तर की समझ पर फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया।
  • स्टीफन हॉकिंग अवलोकनों ने इस मामले में क्रांतिकारी काम किया कि हम किस तरह से ब्रह्माण्ड और उसकी प्रक्रियाओं के प्रतिमान बनाएं। हॉकिंग के कार्यों ने दिशा देने का काम जरूर किया है। यह बात ब्लैक होल के मामलों में विशेष तौर पर लागू होती है।
  • स्टीफन हॉकिंग ने सिर्फ साथी भौतिकविदों और ब्रह्माण्डविदों के लिए ही नजरिया बदलने के काम नहीं किया, बल्कि उनके कार्यों और विशेष तौर पर आम लोगों में भी ब्लैक होल और अंतरिक्ष विज्ञान में दिलचस्पी जगाने का काम किया।
  • उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी जिसने उन्हें समय के साथ शारीरिक तौर पर वे अपंग होते रहे। लेकिन उनकी इच्छाशक्ति एक प्रेरणा भी बन गई।

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