महिलाओं के मुद्दों को जोरशोर से उठाएं : सुमित्रा महाजन

Webdunia
सोमवार, 31 अगस्त 2015 (19:45 IST)
न्यूयॉर्क (अमेरिका)। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दुनिया में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय और वैश्विक स्तर पर महिलाओं से जुड़े अहम मुद्दों को जोरशोर से उठाने का आह्वान किया है।       
श्रीमती महाजन ने यहां दुनिया के विभिन्न देशों की संसदों की महिला अध्यक्षों की 10वीं बैठक में ‘विकास : लैंगिक समानता के लिए वित्त पोषण हेतु नई पहल’ विषय पर अपना संबोधन देते हुए कहा कि स्थानीय और वैश्विक स्तरों पर महिलाओं के महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रमुखता देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता का मतलब अवसर उपलब्ध कराने में समानता, निष्पक्षता और न्याय प्रदान करना है।
         
उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने की लंबी परंपरा रही है और उनकी संसाधनों तथा अवसरों तक समान पहुंच सुनिश्चित करना भारत के लिए कोई नई बात नहीं है। उन्होंने प्राचीन भारत की सफल महिलाओं गार्गी (दार्शनिक), मैत्रेयी (विचारक) और लीलावती (गणितज्ञ) के उदाहरण दिए।
श्रीमती महाजन ने कहा कि भारत में 57 मंत्रालयों और विभागों में जेंडर बजटिंग प्रकोष्ठ (जीबीसी) बनाकर जेंडर बजटिंग प्रक्रिया शुरू की गई है। जेंडर बजट वर्ष 2005-06 के 143786 मिलियन से बढ़कर 2015-16 में 792578 मिलियन हो गया है।
         
उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन के जरिये लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जनधन योजना वित्तीय समावेशन से संबंधित एक राष्ट्रीय मिशन है। विशिष्ट पहचान पत्र (यूआईडी) या आधार कार्ड योजना निर्धन और उपेक्षित महिलाओं को पहचान का प्रमाण उपलब्ध कराती है। 
 
आधार कार्ड से महिलाओं और बालिकाओं को सामाजिक सुरक्षा और पेंशन, छात्रवृत्तियां, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत लाभ मिलता है। भारत ने महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने के लिए ‘भारतीय महिला बैंक लिमिटेड’ की स्थापना भी की है।
       
श्रीमती महाजन ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय महिला ऋण कोष जैसी अनूठी पहलों से महिलाओं को सीधे वित्तीय पहुंच मिल रही है। इसके अतिरिक्त, गैर-सरकारी संगठनों और स्व-सहायता समूहों की सहायता से भारत में अनेक छोटे-छोटे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और इनसे महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण हुआ है। 
 
श्रीमती महाजन के अनुसार महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु भारत ने उनके लिए स्थानीय शासन में 33 प्रतिशत सीटों का आरक्षण किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए संसदों के अध्यक्षों और विशेष रूप से महिला अध्यक्षों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। (वार्ता)
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