Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

स्वाति मोहन: नासा के मंगल अभियान का नेतृत्व करने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक

Advertiesment
हमें फॉलो करें स्वाति मोहन: नासा के मंगल अभियान का नेतृत्व करने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक
, शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021 (15:49 IST)
वॉशिंगटन। दुनिया ने बीती रात मंगल ग्रह की सतह पर नासा के रोवर 'पर्सवरिंस' के उतरने की ऐतिहासिक घटना को देखा और इसके पीछे भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक स्वाति मोहन के योगदान की हर कोई सराहना कर रहा है। स्वाति ही वहवैज्ञानिक हैं जिन्होंने 'मार्स 2020' मिशन के दिशा-निर्देशन और नियंत्रण अभियान का नेतृत्व किया। वह 1 साल की उम्र में भारत से अमेरिका पहुंचीं थीं।
'पर्सवरिंस' जैसे ही लाल ग्रह की सतह पर उतरा, स्वाति खुशी से झूम उठीं और कहा कि रोवर सफलतापूर्वक उतर गया है। उनका कहना है कि दिशा-निर्देशन और नियंत्रण अभियान अंतरिक्ष यान के 'आंख-कान' होते हैं। नॉर्दर्न वर्जीनिया और वॉशिंगटन डीसी में पली-बढ़ीं स्वाति ने यांत्रिक और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से स्नातक और फिर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वैमानिकी एवं अंतरिक्ष यानिकी में एमएस तथा पीएचडी की थी। स्वाति का कहना है कि अंतरिक्ष क्षेत्र में उनकी रुचि तब पैदा हुई जब उन्होंने नौ साल की उम्र में टीवी शो 'स्टार ट्रेक' देखा था।
नासा के मंगल मिशन में स्वाति के योगदान की आज दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है। नासा का 6 पहियों वाला रोवर मंगल ग्रह से ऐसी चट्टानें लेकर आएगा जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकता है कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था? वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह 3 से 4 अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था।

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है। 'पर्सविरंस' नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है। 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह 9वां मंगल अभियान है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Weird pregnancy: उसके शरीर में हवा घुसी और वो प्रेग्नेंट हो गई, 15 मिनट बाद हो गई डि‍लीवरी!