मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन, 73 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 16 दिसंबर 2024 (00:05 IST)
famous tabla player Zakir Hussain passed away : मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्हें अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल से जुड़े सूत्रों ने उस्ताद के निधन की पुष्टि की है, लेकिन उनके परिवार का बयान अभी नहीं आया है। हुसैन की मैनेजर निर्मला बचानी के मुताबिक अमेरिका में रह रहे 73 वर्षीय संगीतकार को रक्तचाप की समस्या थी। महान तबला वादक अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे जाकिर हुसैन ने भारत और दुनिया भर में एक अलग पहचान बनाई।
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महान तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी के निधन का समाचार बेहद दुखद है।

उनका जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।

उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी अपनी कला की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो हमेशा हमारी यादों में जीवित… pic.twitter.com/ogkLAoe68o

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 15, 2024 > >
 
मुंबई में हुआ था जन्म : उनका जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उस्ताद जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। जाकिर हुसैन को तीन ग्रैमी अवॉर्ड भी मिल चुके थे। उनके पिता का नाम उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी और मां का नाम बीवी बेगम था। जाकिर के पिता अल्लाह रक्खा भी तबला वादक थे।
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The बोल of Zakir Hussain Ji’s tabla spoke a universal language, transcending borders, cultures and generations.

This clip defines how we will remember him, and celebrate his legacy. The sound & vibrations of his rhythm will echo in our hearts forever. सदैव गूंजेगा, वाह ताज!

My… pic.twitter.com/duGIHgnTYY

— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 15, 2024 >
जाकिर हुसैन ने शशि कपूर के साथ साल 1983 में आई ब्रिटिश फिल्म 'हीट एंड डस्ट' में काम किया था। यह उनकी एक्टिंग डेब्यू फिल्म थी। इसके अलावा वह साल 1998 में आई फिल्म 'साज' में नजर आए। इसमें शबाना आजमी ने उनकी प्रेमिका का रोल प्ले किया था।

उंगलियों से धुन बजाते थे जाकिर हुसैन : सपाट जगह देखकर उंगलियों से धुन बजाने लगते थे उस्ताद जाकिर हुसैन। जाकिर के अंदर बचपन से ही धुन बजाने का हुनर था। वह कोई भी सपाट जगह देखकर उंगलियों से धुन बजाने लगते थे। यहां तक कि किचन में बर्तनों को भी नहीं छोड़ते थे। तवा, हांडी और थाली, जो भी मिलता उस पर हाथ फेरने लगते थे।
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परिवार, अस्पताल या सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास (जहां ऐसी खबरें हैं कि उनकी स्वास्थ्य जांच की जा रही है) से आधिकारिक पुष्टि अभी भी प्रतीक्षित है। https://t.co/BIS9xP0r6C

— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 15, 2024 >
तबले को अपनी गोद में रखते थे : ​​​​​तबले को अपनी गोद में रखते थे जाकिर हुसैन। शुरुआती दिनों में उस्ताद जाकिर हुसैन ट्रेन में यात्रा करते थे। पैसों की कमी की वजह से जनरल कोच में चढ़ जाते थे। सीट न मिलने पर फर्श पर अखबार बिछाकर सो जाते थे। इस दौरान तबले पर किसी का पैर न लगे, इसलिए उसे अपनी गोद में लेकर सो जाते थे।
 
 
अमेरिका भी करता था सम्मान : उस्ताद जाकिर हुसैन जीवन के अंतिम समय में भी कॉन्सर्ट का हिस्सा बनते थे। देश-विदेश में उनके कार्यक्रम होते थे। जाकिर हुसैन का सम्मान दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका भी करता था। वर्ष 2016 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें ‘ऑल स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट’ में भाग लेने के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। जाकिर हुसैन पहले इंडियन म्यूजिशियन थे, जिन्हें यह इन्विटेशन मिला था। 
 
पिता चाहते थे एक्टिंग पर दें ध्यान : जाकिर हुसैन ने कुछ फिल्मों में एक्टिंग भी की है। उन्होंने 1983 की एक ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट से डेब्यू किया था। इस फिल्म में मशहूर अभिनेता शशि कपूर ने भी काम किया था। जाकिर हुसैन ने 1998 की एक फिल्म साज में भी काम किया था। इस फिल्म में उनके अपोजिट शबाना आजमी थीं। जाकिर हुसैन ने इस फिल्म में शबाना के प्रेमी का किरदार निभाया था। जाकिर हुसैन को फिल्म मुगल ए आजम (1960) में सलीम के छोटे भाई का रोल भी ऑफर हुआ था, लेकिन पिता को उस वक्त यह मंजूर नहीं था। वे चाहते थे कि उनका बेटा संगीत पर ही ध्यान दे।
 
11 साल की उम्र में पहला कॉन्सर्ट : जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। उन्होंने ग्रेजुएशन मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से किया था। जाकिर हुसैन ने सिर्फ 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया था। 1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम 'लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड' लॉन्च किया था। 
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Ustad Zakir Hussain’s extraordinary mastery of the tabla has created a timeless legacy in the world of music. My deepest condolences to his family, friends, and the countless admirers whose lives he touched with his artistry. His rhythms will echo in our hearts forever.… pic.twitter.com/FEiWUwwyBA

— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) December 15, 2024 >
राठौड़ ने जताया शोक : राजस्थान के कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह राठौड़ उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर शोक जाहिर करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, ‘जाकिर हुसैन की तबले पर असाधारण महारत ने संगीत की दुनिया में एक कालजयी विरासत बनाई है। उनके परिवार, दोस्तों और उन अनगिनत फैंस से मेरी गहरी सहानुभूति है, जिनके जीवन को उन्होंने अपनी क्रिएटिविटी से प्रभावित किया। उनका संगीत हमारे दिलों में हमेशा गूंजता रहेगा। इनपुट एजेंसियां
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