अफगानिस्तान में फंसे भारतीय को बचाने में 'वरदान' बना विदेशी सैन्य अड्‍डा

Webdunia
सोमवार, 23 अगस्त 2021 (22:09 IST)
दुशांबे। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में भारत का एकमात्र विदेशी सैन्य अड्‍डा है। हालांकि इसकी बहुत ज्यादा चर्चा नहीं हुई है, लेकिन अफगानिस्तान संकट के दौरान भारतीयों को बचाने के मामले में यह सैन्य अड्‍डा भारत के लिए वरदान साबित हुआ है।
 
उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद फंसे भारतीयों को बचाने के लिए भारतीय वायुसेना लगातार जुटी हुई है। काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ के कारण भारतीयों को लेने गए C-17 एयरक्राफ्ट को अपना रास्ता बदलना पड़ा था और फिर यह पहुंचा ताजिकिस्तान के गिस्सार सैन्य एयरोड्रम पर जो विदेश में भारत का इकलौता सैन्य बेस है।
 
गिस्सार सैन्य एयरबेस राजधानी दुशांबे के पास एक गांव में स्थित है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके विकास में भारत ने 7 करोड़ डॉलर खर्च किए थे। यहां पर भारत ने 3200 मीटर का आधुनिक रनवे, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, नैविगेशन उपकरण और मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम बनाया है।
 
पीओके पर नजर : सबसे खास बात यह है कि भारत यहां से पीओके पर नजर रख सकता है। पीओके से ताजिकिस्तान सिर्फ 20 किलोमीटर दूर है। पाकिस्तान को देखते हुए भारत के लिए भी यह बेस काफी अहम है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई

LIVE: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु गिरफ्तार

दुष्कर्म और कई राज्‍यों में की हत्‍या, 1 दर्जन से ज्‍यादा केस दर्ज, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

Pakistan : इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर निकाला मार्च, पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने जेल में की मुलाकात

Maharashtra का मुख्यमंत्री चुनने में महायुति को आखिर क्यों हो रही है इतनी देरी

अगला लेख