दुनिया की राजनीति में जहां सत्ता के लिए तमाम तरह की उठापटक होती रहती हैं, वहीं जापान के पीएम शिंजो आबे एक ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिसने अपने खराब स्वास्थ्य के चलते पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं अनफिट हूं और इस वजह से पीएम पद के कामकाजों को ठीक से नहीं देख सकता हूं। इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं।
इस घोषणा के बाद पूरी दुनिया में उनके इस फैसले को मिसाल के तौर पर देखा गया था। राजनीति में जहां तमाम नेता और पद पर आसीन लोग लंबे समय तक कुर्सी और सत्ता त्यागना नहीं चाहते हैं, ऐसे में जापान के प्रधानमंत्री ने यह फैसला कुछ ही पलों में ले लिया और सत्ता त्याग दी थी।
आपको बता दें कि भारत में ही ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां ज्यादातर नेता अपने पद पर बने रहने के लिए तमाम तरह की रस्साकशी करते रहते हैं। भारत में आज भी सत्ता और पार्टी में पद संभाले ऐसे लोग हैं जो कुर्सी से चिपके रहते हैं।
बता दें कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर पश्चिमी जापान में एक चुनावी कार्यक्रम में भाषण के दौरान हाल ही में गोली चला दी गई है। हमले के बाद उन्हें हार्ट अटैक भी आया उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
दो साल पहले यानी 29 अगस्त 2020 को शिंजो आबे ने स्वास्थ्य का हवाला देकर जापान के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सभी नेताओं के समक्ष एक उदाहरण पेश किया। शिंजो आबे कई दिनों से बीमार चल रहे थे और इस दौरान उन्हें कई बार हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। खराब तबीयत के चलते शिंजो के इस फैसले की अटकलें पहले की लगाई जा रही थी। उनका कार्यकाल सितबंर 2021 तक था। बता दें कि वह जापान के सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं।
इन नेताओं ने छुपाई अपनी बीमारियां
शिंजो आबे ने जहां इस्तीफा देकर मिसाल कायम की वहीं दुनिया के कई नेताओं ने 'अनफिट' करार दिए जाने से डर से अपनी बीमारी को जनता से छिपाया। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी को ऐडिसन रोग था। जनता से यह बात छिपाई गई और राष्ट्रपति गुप्त रूप से दवाएं लेते रहे। अमेरिकियों को 1919 में वुडरो विल्सन के स्ट्रोक के बारे में भी नहीं बताया गया। इसी तरह, 1893 में ग्रोवर क्लीवलैंड को अपने मुंह के कैंसर के चलते सर्जरी करानी थी, लेकिन वह अस्पताल नहीं जाना चाहते थे।