नई दिल्ली। साल के आखिरी महीने के 26वें दिन की बात करें, तो यह दिन इतिहास में एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। दरअसल 26 दिसंबर, 2004 को इंडोनेशिया के उत्तरी भाग में स्थित असेह के निकट रिक्टर पैमाने पर 8.9 तीव्रता के भूकंप के बाद समुद्र के भीतर उठी सुनामी ने भारत सहित कई देशों में भारी तबाही मचाई।
हिंद महासागर से उठी उग्र लहरों का पानी रात के अंधेरे में कई तटीय इलाकों में बसे रिहायशी क्षेत्रों में घुस गया। उस समय तक सुनामी की पूर्व चेतावनी जैसी कोई प्रणाली प्रचलन में नहीं थी। इसी का नतीजा था कि इस तरह की तबाही का किसी को अंदाजा भी नहीं था।
थाइलैंड और अन्य देशों में समुद्र किनारे बने होटलों और रिसॉर्ट में बड़ी संख्या में ठहरे विदेशी पर्यटकों की इस समुद्री कहर ने जान ले ली। भूकंप और सुनामी से इतनी तबाही पिछले 40 साल में विश्व ने नहीं देखी थी।