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ब्रिटेन दंगों की आग में झुलस रहा है। कई शहर दंगों की चपेट में आ गए हैं। आलम यह है कि पुलिस को 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस कई शहरों में दंगों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है।
दरअसल, उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड के साउथपोर्ट में इस हफ्ते हुई टेलर स्विफ्ट-थीम वाली योगा क्लास के दौरान चाकूबाजी की घटना में तीन बच्चों की मौत के बाद यह बवाल शुरू हुआ था। ब्रिटेन के कई शहरों में धुर दक्षिणपंथियों द्वारा भड़काई गई अशांति के बाद सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर आमना-सामना हुआ है। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस तनाव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इन दृश्यों में हिंसक भीड़ और जलती हुई दुकानों को साफ देखा जा सकता है। वहीं धुर-दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से दुष्प्रचार फैलाने और खासतौर पर साउथपोर्ट हमलावर को आप्रवासी करार देने का झूठा दावा करने का आरोप लगाया जा रहा है। यूके पुलिस ने पुष्टि की है कि 17 साल के हमलावर एक्सल मुगनवा रुदाकुबाना का जन्म वेल्श की राजधानी कार्डिफ़ में हुआ था, 18 साल से कम उम्र के होने के बावजूद उसका नामकरण करने का असामान्य कदम उठाया गया है।
डाउनिंग स्ट्रीट के एक प्रवक्ता ने कहा, "ब्रिटिश प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर ने अशांति पर चर्चा करने के लिए शनिवार को अपने कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात की, उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सड़कों पर चरमपंथियों, जो पुलिस अधिकारियों पर हमला कर रहे हैं, स्थानीय व्यवसायों को बाधित कर रहे हैं और समुदायों को डराकर नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को हमारा पूरा समर्थन है"
प्रवक्ता के अनुसार स्टार्मर ने कहा कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और हमने जो हिंसक अव्यवस्था देखी है, वे दो बहुत अलग चीजें हैं। दूसरी ओर ब्रिटेन की गृह सचिव यवेटे कूपर ने भी प्रदर्शनकारियों की हिंसात्मक गतिविधियों की निंदा की और चेतावनी दी कि देश में "ठगी" के लिए कोई जगह नहीं है।
Edited By: Navin Rangiyal