कीव। यूरोप ने बुधवार को जिस तरह का रुख अपनाया उससे टकराव और बढ़ने के आसार लग रहे हैं तथा यूक्रेन ने अपने नागरिकों से रूस छोड़ने का आग्रह किया। रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन को अपने देश के बाहर सैन्य बल का उपयोग करने की हरी झंडी मिल गई और पश्चिमी देशों ने इसका जवाब कई तरह के प्रतिबंध लगाकर दिया है।
विनाशकारी युद्ध से कूटनीतिक तरीके से बाहर निकलने की उम्मीदें दिखाई तो दे रही थीं, लेकिन वे सभी असफल प्रतीत हुईं। अमेरिका और प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों ने मास्को पर यूक्रेन अलगाववादी क्षेत्रों में रूसी सैनिकों के प्रवेश को एक लाल रेखा को पार करना बताया- कुछ देशों ने इसे एक आक्रमण कहा।
अमेरिकी राजनयिक ने रद्द की बैठक : शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने अपने रूसी समकक्ष के साथ बैठक रद्द कर दी, कीव ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया और मास्को के साथ सभी राजनयिक संबंधों को तोड़ने पर विचार किया। जर्मनी ने एक आकर्षक पाइप लाइन सौदे पर रोक लगा दी और अमेरिका ने रूस की सीमा से लगे नाटो के पूर्वी हिस्से में अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया।
हफ्तों तक शांति की कोशिश के बाद, यूक्रेनी अधिकारियों ने बुधवार को बढ़ती चिंता बढ़ती के संकेत दिए। विदेश मंत्रालय ने रूस की यात्रा के खिलाफ परामर्श जारी किया और यह कहते हुए वहां से लोगों के निकलने की सिफारिश की कि मास्को की 'आक्रामकता' से वाणिज्यि दूत संबधी सेवाओं में उल्लेखनीय कमी आ सकती है।
यूक्रेन में आपातकाल की तैयारी : यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के प्रमुख ने देश भर में आपातकाल की स्थिति का आह्वान किया जो संसदीय अनुमोदन के अधीन है। ओलेक्सी डेनिलोव ने कहा कि यह क्षेत्रीय अधिकारियों पर निर्भर करेगा कि वे कौन से उपाय लागू करें, लेकिन वे सार्वजनिक सुविधाओं के लिए अतिरिक्त सुरक्षा, यातायात पर प्रतिबंध और अतिरिक्त परिवहन और दस्तावेज़ जांच शामिल कर सकते हैं।
अर्थव्यवस्था चौपट : युद्ध के खतरे ने यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को पहले से ही चौपट कर दिया है। भले ही संघर्ष ने एक नया, खतरनाक मोड़ ले लिया है, नेताओं ने चेतावनी दी कि यह और भी खराब हो सकता है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के तीन ओर जमा 1 लाख 50 हजार सैनिकों के बल को आगे बढ़ने का आदेश नहीं दिया है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के लिए सख्त प्रतिबंधों को रोक रखा है, जिससे आर्थिक रूप से विपरीत प्रभाव हो सकता हैं। हालांकि बाइडन ने कहा है कि यदि और आक्रामकता होती है तो वह इस पर आगे बढ़ेंगे।
रूस पर और प्रतिबंध की मांग : यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने पश्चिमी नेताओं से प्रतीक्षा न करने का आग्रह किया। उन्होंने बुधवार को ट्विटर पर लिखा कि हम भागीदारों से रूस पर अब और प्रतिबंध लगाने का आह्वान करते हैं। अब पुतिन को रोकने के लिए दबाव बढ़ाने की जरूरत है। उनकी और सहयोगियों की अर्थव्यवस्था पर वार करें।
पहले से उठाए गए कदमों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, अमेरिका में रूसी राजदूत अनातोली एंटोनोव ने फेसबुक पर एक बयान में कहा कि प्रतिबंधों से कुछ हल नहीं हो सकता। यह कल्पना करना कठिन है कि वॉशिंगटन में एक व्यक्ति है जो रूस से प्रतिबंधों के खतरे के तहत अपनी विदेश नीति को संशोधित करने की अपेक्षा करता है।
8 साल में 14 हजार की मौत : पूर्वी यूक्रेन में, जहां रूस समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच 8 साल के संघर्ष में लगभग 14 हजार लोग मारे गए हैं, हिंसा फिर से बढ़ गई है। यूक्रेन की सेना ने कहा कि विद्रोहियों की गोलाबारी में एक यूक्रेनी सैनिक मारा गया और छह अन्य घायल हो गए। अलगाववादी अधिकारियों ने अपने क्षेत्र में रात के समय कई विस्फोटों और तीन नागरिकों की मौत की सूचना दी।