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हथि‍यार उठाकर रूस के खि‍लाफ ‘बैटल ग्राउंड’ में आईं यूक्रेन की खूबसूरत लड़कियां, ट्रेनिंग लेकर वतन के लिए जान देने को तैयार

हमें फॉलो करें हथि‍यार उठाकर रूस के खि‍लाफ ‘बैटल ग्राउंड’ में आईं यूक्रेन की खूबसूरत लड़कियां, ट्रेनिंग लेकर वतन के लिए जान देने को तैयार

नवीन रांगियाल

, मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022 (16:23 IST)
  • यूक्रेन सरकार ने 20 से लेकर 60 साल तक की महिलाओं को सेना में शामिल करने का निर्णय लिया है।
  • 30 हजार से ज्यादा महिलाएं यूक्रेन की सेना में पहले से शामिल हैं।
  • देश की रक्षा के लिए यूक्रेन की बूढ़ी महिलाएं का बाबुश्खा बटालियननाम से एक संगठन है।
यूक्रेन पर रूसी हमले का खतरा मंडरा रहा है। जो स्‍थि‍ति बनी है, उसे देखकर कुछ कहा नहीं जा सकता कि कब युद्ध हो जाए। इसी बीच अपने देश, अपने वतन की रक्षा करने के लिए अब यूक्रेन की महिलाओं ने हथि‍यार उठा लिए हैं।

बता दें कि अलग-अलग क्षेत्र और पेशे से जुड़ीं महिलाएं शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग लेकर देश की रक्षा के लिए सेना में भर्ती हो रही हैं। खास बात तो यह है ये महिलाएं बंदूक चलाने से लेकर फर्स्ट एड और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ले रही हैं।

बता दें कि यूक्रेन की महिलाएं दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं में मानी जाती हैं। अब इनके हाथों में रूस के खि‍लाफ बंदूके और हथियार होंगे। सबसे दिलचस्‍प बात तो यह है कि ज्‍यादातर अपना काम, घर-परिवार और बच्चों को छोड़कर सेना में आईं हैं।

60 साल की महिलाएं भी आर्मी में
अपने देश के लिए मर मि‍टने और रक्षा करने का जज्‍बा यह है कि 20 से लेकर 60 साल तक की महिलाओं ने सेना में शामिल करने का फैसला किया है। यह फैसला सरकार की तरफ से किया गया है। दूसरी वजह ये है कि युद्ध को लेकर अब यूक्रेन में हालात गंभीर हो गए हैं।

बाबुश्खा बटालियनफौज
अपने देश की रक्षा के लिए यूक्रेन की बूढ़ी महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। यहां ‘बाबुश्खा बटालियन’ नाम का बूढ़ी महिलाओं का एक संगठन है। इसमें शामिल महिलाएं सेना को युद्ध के समय कई प्रकार से मदद करती हैं।

2014 के क्रीमिया हमले के समय इस समूह की बूढ़ी महिलाओं ने अपने सैनिकों के लिए खंदक खोदे थे। बाबुश्खा की महिलाएं सैन्य आपूर्ती, चिकित्सा सेवाएं और खुफिया तंत्र के लिए भी काम कर रही हैं।

79 साल की वैलेनटाइना कोंस्तान्तिनोवस्का इस उम्र में भी अपने देश की रक्षा के लिए हथियार उठाकर रूसी सेना से लड़ने को तैयार हैं।

लोकतांत्रिक देश होने की वजह से यूक्रेन में महिलाओं को काफी आजादी है। वहीं, रूस में महिलाओं को कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि महिलाएं रूसी हमला होने की स्थिति में हथियार उठाने को भी तैयार हैं।

महिलाओं का सेना में इतिहास
यूक्रेन की सेना में 1993 से ही महिलाएं शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने युद्ध के मैदान में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर अपने देश की रक्षा की है। अभी यूक्रेन की सेना में करीब 31 हजार महिला सैनिक हैं। इनमें से 1100 सैन्य अफसर भी हैं। 13 हजार से अधिक महिला युद्ध क्षेत्रों में तैनात हैं। यूक्रेन के सैन्य बलों में महिलाओं की हिस्सेदारी 15% है।

एक रिपोर्ट के अनुसार 2014 के बाद से यूक्रेन में महिला सैनिकों की संख्या दोगुनी हुई है। 2014 में ही रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया था।

तब भी देश की महिला सैनिकों ने रूसी सेना का डटकर मुकाबला किया था। उस समय रूसी हमले में 14 हजार से ज्यादा यूक्रेनी सैनिक और नागरिक मारे गए थे। इनमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।


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