पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को रूस आने का दिया न्योता

Webdunia
गुरुवार, 28 दिसंबर 2023 (00:48 IST)
Vladimir Putin invited Prime Minister Modi to visit Russia​ : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल रूस की यात्रा के लिए आमंत्रित किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के राष्ट्रपति भवन ‘क्रेमलिन’ में पुतिन से मुलाकातकी। पुतिन ने जयशंकर से कहा, हमें अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी को रूस में देखकर खुशी होगी।
 
रूस की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां आए जयशंकर ने इससे पहले अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। लावरोव के साथ अपनी बातचीत के बाद संयुक्त रूप से जयशंकर ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन अगले साल वार्षिक शिखर सम्मेलन में मिलेंगे।
 
इससे पहले अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि दोनों नेता लगातार संपर्क में रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति के बीच शिखर सम्मेलन दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है। अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। पिछला शिखर सम्मेलन दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में हुआ था।
 
पुतिन ने यह भी कहा कि रूस और भारत के बीच व्यापार बढ़ रहा है, खासकर कच्चे तेल और उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के कारण। उन्होंने कहा, हमारा व्यापार लगातार दूसरे साल स्थिर गति से बढ़ रहा है। इस साल विकास दर पिछले साल से भी अधिक है।

जयशंकर ने इन मुद्दों पर की बात : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं, रणनीतिक भागीदारी और पारस्परिक लाभ को दर्शाते हैं। जयशंकर ने यहां रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ सार्थक बैठक की और इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर बात की।
 
रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने लावरोव के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र,यूक्रेन संघर्ष, गाजा की स्थिति, अफगानिस्तान और मध्य एशिया, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, जी20 और संयुक्त राष्ट्र पर भी विचार-विमर्श किया। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक व्यापक और उपयोगी बैठक हुई। रणनीतिक साझेदार के रूप में, अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की गई।
 
उन्होंने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग, ऊर्जा व्यापार, कनेक्टिविटी प्रयासों, सैन्य-तकनीकी सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क में हुई प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, 2024-28 की अवधि के लिए परामर्श प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं, रणनीतिक भागीदारी और पारस्परिक लाभ को दर्शाते हैं।
 
जयशंकर ने वार्ता के बाद एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, हमारे लिए, रूस एक मूल्यवान साझेदार है, समयकी कसौटी पर परखा हुआ साझेदार है। यह एक ऐसा रिश्ता है जिससे भारत और रूस दोनों को काफी फायदा हुआ है।
 
रूस, भारत और ईरान ने 2000 में उत्तर-दक्षिण मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर केनिर्माण पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें भागीदारों की संख्या बढ़कर14 हो गई है। परियोजना का लक्ष्य भारत, ईरान और फारस की खाड़ी के देशों से रूसी क्षेत्र के माध्यम से पारगमन माल ढुलाई को यूरोप तक लाना है।
 
जयशंकर ने कहा, हम इस तथ्य की सराहना करते हैं कि हमारा व्यापार अब तक के उच्चतम स्तर पर है। हमने पिछले साल 50 अरब डॉलर से ज्यादा का कारोबार किया था। हमें इस साल इससे अधिक होने की उम्मीद है और महत्वपूर्ण बात यह है कि यह व्यापार अधिक संतुलित है। यह टिकाऊ है, और निष्पक्ष बाजार पहुंच प्रदान करता है।
 
दोनों पक्षों ने रूसी सुदूर पूर्व के साथ अपने संबंधों में सहयोग पर भी चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात बैठक में सुदूर पूर्व से एक प्रतिनिधि मंडल भाग लेगा। उन्होंने कहा, हमने दीर्घकालिक व्यवस्थाओं पर चर्चा की।
 
जयशंकर ने कहा कि हम ऊर्जा, उर्वरक और भोजन पकाने में इस्तेमाल होने वाले कोयले के लिए व्यापक व्यापार कर रहे हैं। हम इस संबंध में दीर्घकालिक व्यवस्थाओं तक कैसे पहुंच सकते हैं, इस पर व्यापक चर्चा हुई। हमने द्विपक्षीय निवेश और द्विपक्षीय निवेश संधि की जरूरत पर बात की।
 
इससे पहले बैठक की शुरुआत में जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समय-समय पर एक-दूसरे से बात करते रहे हैं। जयशंकर ने कहा, हमारे संबंध बेहद मजबूत, बेहद स्थिर हैं। और मुझे लगता है किहम एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पर खरे उतरे हैं। इससाल हम पहले ही छह बार मिल चुके हैं और यह सातवीं बैठक है।
 
उन्होंने कहा कि आज की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया, इसे बदलती परिस्थितियों और मांगों के अनुसार समायोजित किया।
 
जयशंकर ने कहा कि इस साल दोनों पक्ष सहयोग की अलग-अलग अभिव्यक्तियों के गवाह बने। उन्होंने कहा, मैं बैठकों में व्लादिवोस्तोक में सुदूर पूर्वी आर्थिक मंच परसेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच में हमारी उपस्थिति का भी उल्लेख करूंगा।साथ ही, द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर भारत, रूस अंतर सरकारी आयोग, जिसकी मैंने उप प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव के साथ सह-अध्यक्षता की।
 
उन्होंने कहा, हम निरंतर प्रगति देखकर बहुत खुश हैं और हमें जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात बैठक में मजबूत रूसी भागीदारी की उम्मीद है। लावरोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध बहुत पुराने हैं और बहुत अच्छे हैं, साथ ही यह देखना सुखद है कि वे वर्तमान समय में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

कन्हैया कुमार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, पुलिस में दर्ज हुई शिकायत, जानिए क्‍या है मामला

आंध्रप्रदेश में पटाखा बनाने वाली यूनिट में विस्फोट से 8 की मौत, 6 घायल

आकाश आनंद ने मायावती से मांगी माफी, पार्टी में वापस लेने की अपील, बोले- अब नहीं करूंगा कोई गलती

बंगाल में बांग्लादेश जैसे हालात, महिलाओं के साथ छेड़छाड़, घरों पर फेंके बम, पलायन को मजबूर 400 लोग

अमेरिका ने टैरिफ से दी राहत, चीन की तुलना में भारत को 20 फीसदी सस्ता पड़ेगा निर्यात

सभी देखें

नवीनतम

मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को किया माफ, एक और मौका देने का ऐलान, क्या बनाएंगी उत्तराधिकारी

Waqf : PM मोदी ने केरल के मुनंबम मुद्दे को सुलझाया, नेताओं ने किया था नजरअंदाज

MP में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, उज्जैन, विदिशा सहित इन जिलों के कलेक्टर बदले

मुर्शिदाबाद हिंसा पर कांग्रेस ने की सर्वदलीय बैठक की मांग, BJP ने किया 400 हिन्दुओं के पलायन का दावा

AI से 32 करोड़ लोगों का भविष्य जुड़ा, वोट देने से बदलेगा शिक्षा का सिस्टम, स्टेट प्रेस क्लब के पत्रकारिता महोत्सव में बोले मनीष सिसोदिया

अगला लेख