Who is Nimisha Priya Indian nurse on death row in Yemen : यमन के सुप्रीम कोर्ट ने एक भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने एक नागरिक, तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है। इसके बाद अब भारत सरकार निमिषा की सहायता के लिए आगे आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक भारतीय नर्स के मामले में प्रासंगिक विकल्पों का पता लगाने के लिए हर संभव मदद कर रहा है। पढ़िए क्या है पूरा मामला-
कौन हैं निमिषा प्रिया : केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया नर्स है जिसने यमन में अपना क्लीनिक खोला था। मीडिया खबरों के मुताबिक निमिषा 2012 में नर्स के तौर पर यमन गई थीं। मीडिया खबरों के अनुसार उसकी दोस्ती यमन में एक व्यक्ति से हुई, जिसका नाम था आब्दो महदी। महदी ने उसकी क्लीनिक को खोलने में मदद करने का वादा किया था। यह भी दावा किया जाता है कि महदी ने अपना वादा नहीं निभाया, बावजूद इसके निमिषा ने यमन में अपना क्लीनिक खोल लिया। मीडिया जानकारी के अनुसार इसके बाद महदी निमिषा को परेशान करने लगा और उसे अपनी दूसरी पत्नी बताने लगा। वह बार-बार निमिषा से पैसे मांगता। इस बात को लेकर निमिषा ने पुलिस में शिकायत भी की। इसके बाद कुछ दिनों तक महदी को जेल में रहना पड़ा। हालांकि जब महदी जेल से वापस आया तो उसने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया।
शरीर के टुकड़े कर पानी के टैंक में फेंका : पासपोर्ट को महदी से वापस पाने के लिए निमिषा ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। लेकिन बेहोशी के इंजेक्शन का डोज ओवरडोज में बदल गया, और महदी की मौत हो गई। निमिषा ने अपनी कलीग हनान के साथ मिलकर महदी के शरीर के टुकड़े कर डाले और उसकी शरीर को पानी के टैंक में फेंक दिया। बता दें कि हनान यमनी नागरिक है। इस मामले में साल 2018 में निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई थी जबकि हनान को आजीवन कैद हुई थी। निमिषा का एक 8 साल का बेटा भी है। निमिषा साल 2018 से ही यमन के सना में काम कर रही है।
ब्लड मनी से बच सकती है निमिषा की जान : अरब देशों समेत यमन में एक व्यवस्था सालों से चली जा रही है जिसे 'ब्लड मनी' कहा जाता है। दरअसल इस शब्द का आशय उस पैसे से है जो मृतक के परिवार को दी जाती है। इससे दोषी की जान बचाई जा सकती है। एक तरीके से यह मुआवजे की मोटी रकम होती है जो मृतक के परिजनों को हर्जाने के रूप में दिया जाता है। इसके अनुसार अगर मरने वाले व्यक्ति के परिजन चाहे तो हत्यारे से समझौता करके कुछ पैसे लेकर उसे माफी दे सकते हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक महदी के परिजनों ने निमिषा के परिजनों से ब्लड मनी के तौर पर 5 करोड़ यमनी रियाल मांगे थे। यानी भारतीय मुद्रा में यह राशि 1.52 करोड़ रुपए होती है।
क्या कर रही है भारत सरकार : विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में लिखित सवाल का जवाब देते हुए बताया कि भारत सरकार इस मामले में महिला को हरसंभव सहायता प्रदान कराने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि महिला तक राजनयिक मदद पहुंचाई जाए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह यमन में मौत की सजा का सामना कर रही एक भारतीय नर्स के मामले में प्रासंगिक विकल्पों का पता लगाने के लिए हर संभव मदद कर रहा है। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma