#MeToo हर महिला यौन शोषण का शिकार है

Webdunia
मंगलवार, 17 अक्टूबर 2017 (17:40 IST)
दुनिया भर में महिलाएं यौन प्रताड़ना ‍का शिकार होती हैं, इसके जो आंकड़े सामने आए हैं वे निश्चित ही चौंकाने वाले हैं।  सोफी गिल्बर्ट नामक एक महिला ने अपनी कहानी कुछ इस तरह बताई। दस वर्ष पहले ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद मैं एक पूर्णकालिक वेट्रेस थी, उसी दौरान मैंने एक महिला सशक्तिकरण विचार गोष्ठी में भाग लिया। एक सप्ताहांत तक चली इस गोष्ठी में मददगार लोगों ने प्रतिभागियों को 'अपनी खोज' करने को कहा ताकि वे अपने सपनों का पता लगा सकें और पिछले मानसिक आघातों से उबर सकें।
 
इस दौरान एक ऐसा क्षण आया जिसने 'वर्तमान से साक्षात्कार' कराने का प्रयोग किया। आयोजन का ग्रुप लीडर 40 से 50 के बीच का आदमी था और उसके कमरे में दो सौ या इससे ज्यादा महिलाएं थीं। उसने कमरे में मौजूद महिलाओं से पूछा कि जिन लोगों को यौन प्रताड़ना या शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा हो वे अपने हाथ उठाएं। सवाल के जवाब में छह-सात हाथ उठे। लेकिन जब उसने यही सवाल फिर एक बार दोहराया और हमसे अपनी आंखें बंद करने को कहा। इसके बाद उसने आंखें खोलने को कहा लेकिन इस बार कमरे का लगभग प्रत्येक हाथ उठा हुआ था।
 
एक लम्बे समय तक ज्यादातर महिलाओं ने इस तरह से अपने खिलाफ हुए यौन प्रताड़ना और हमले को परिभाषित किया। यह कुछ अनकहा, निजी, और स्वीकारने में कुछ शर्मिंदगी लाने वाला था। लेकिन फिर भी खामोशी समझ में आती है और इसकी एक कीमत होती है। एक दशक पहले मैं यह बात सोच भी नहीं सकती थी कि इतनी अधिक संख्या में महिलाओं ने यौन दबाव या धमकी को सहा होगा। मैं केवल एक महिला को पा सकी जिसने यह सब नहीं देखा था।  
 
रविवार की दोहपर को अभिनेत्री एलिसा मिलानो अपने ट्‍विटर एकाउंट पर ऐसी महिलाओं को प्रेरित करती हैं और उन्होंने मात्र दो शब्द हैशटैग मीटू लिखा। पिछले चौबीस घंटों के दौरान टिवट्‍र के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस हैश टैग को कम से कम पांच लाख बार ट्वीट किया गया। खुद एलिसा मिलानो ने लिखा अगर आप भी किसी यौन प्रताड़ना या हमले का शिकार हुई हों तो आप भी 'मीटू' ट्वीट करें।
 
यह केवल ट्विटर पर भी नहीं वरन फेसबुक पर भी सक्रिय था। उल्लेखनीय है कि अपने पर यौन हमलों को लेकर महिलाओं ही नहीं वरन पुरुषों ने भी अपना दुख जाहिर किया था। नामचीन हस्तियों, अभिनेत्रियों अना पैकिन, डेब्रा मेसिंग, रोजारियो डॉसन, गैब्रील यूनियन और इवान राशेन वुड ने भी इसमें शिरकत की।
 
एक लेखक अलेक्सिस बेनवेनिस्ट ने लोगों से कहा कि वे जो देख रहे हैं, वह समुद्र में पड़े एक विशालकाय हिमखंड का एक छोटा सा हिस्सा हैं। इस तरह प्रत्येक महिला ने अपना अनुभव साझा किया और उतनी ही महिलाओं ने शायद ऐसा न करने का फैसला किया। उनका कहना था कि अगर किसी महिला ने अपना संदेश नहीं लिखा तो इसका यह अर्थ नहीं है कि उसके साथ कुछ भी नहीं हुआ हो।  
 
ट्विटर सक्रियता की नकारात्मक के बावजूद #मीटू का उद्देश्य पूरा हो गया था क्योंकि मिलानो के मित्र ने उनसे कहा कि यह लोगों को समस्या की विशालता की जानकारी देना था। एक सप्ताह के बाद ही महिलाओं ने फिल्म निर्माता हार्वे वाइनस्टीन के बारे में कलंक कथाएं बयान करना शुरू कर दी थीं।

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