जापान के मंदिरों में मोदी, जीता सबका दिल...

Webdunia
रविवार, 31 अगस्त 2014 (14:26 IST)
क्योतो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने जापान दौरे के दूसरे दिन रविवार को दो प्राचीन बौद्ध मंदिर- तोजी और किनकाकुजी गए, वहां प्रार्थना की और आम लोगों तथा पर्यटकों से मुलाकात की।
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अपनी पोशाक के प्रति हमेशा सजग रहने वाले मोदी ने सफेद कुर्ता-पायजामा, बिना बाजू वाली जैकेट तथा सफेद सैंडलें पहनी थीं। ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो वे इस अवसर की गंभीरता का संदेश दे रहे हों।

किनकाकुजी मंदिर में प्रधानमंत्री ने पर्यटकों और आगंतुकों से मुलाकात की, उनसे हाथ मिलाया, प्यार से एक बच्चे के कान खींचे और लोगों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं।

उनके दिन की शुरुआत प्राचीन तोजी मंदिर में पूजा के साथ हुई, जो हिन्दू दर्शन के ब्रह्मा, विष्णु और महेश की त्रयी से प्रेरित है। तोजी मंदिर यूनेस्को का एक विश्व धरोहर स्थल है। मोदी जब इस मंदिर में गए तो उनके साथ उनके जापानी समकक्ष शिन्जो एबे भी थे।

प्रधानमंत्री करीब आधे घंटे तक प्राचीन बौद्ध मंदिर में रहे। इस दौरान उन्होंने इस 8 सदी पुराने बौद्ध पगोडा के इतिहास के बारे में जानकारी ली।

मंदिर के प्रमुख बौद्ध भिक्षु मोरी ने प्रधानमंत्री को पांच मंजिला मुख्य पगोडा तथा लकड़ी से बने मंदिर में घुमाया। पहचान पत्र पर नाम पढ़ने के बाद प्रधानमंत्री ने प्रमुख पुजारी यासु नागामोरी से कहा कि मैं मोदी हूं, आप मोरी हैं।

तोजी मंदिर 57 मीटर ऊंचा है और जापान का सबसे ऊंचा पगोड़ा है। यह मंदिर और क्योतो दोनों का ही प्रतीक है और इसे शहर के कई स्थानों से देखा जा सकता है। मंदिर परिसर से बाहर आते समय मोदी ने अपने साथ यहां तक आने और समय बिताने के लिए एबे को धन्यवाद कहा।

एबे ने मोदी को बताया कि वे दूसरी बार तोजी मंदिर आए हैं। पहली बार वे तब इस मंदिर में आए थे, जब छात्र थे और पढ़ाई कर रहे थे। जापान के प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए तोक्यो से खासतौर पर यहां आए और उनके साथ हैं।

तोजी मंदिर में एक अन्य बौद्ध भिक्षु हासी भी मोदी के साथ थे। उन्होंने बताया कि हम प्रसन्न हैं कि प्रधानमंत्री इस मंदिर में आए। हमारे मंदिर के लिए यह गर्व की बात है। उनका (मोदी का) दिल बहुत बड़ा है। जब मोदी मंदिर पहुंचे तो वहां उन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय तिरंगा लेकर खड़े थे। मोदी ने उत्साहित लोगों से हाथ मिलाया।

मोदी ने जापान के स्वर्ण मंदिर में क्या किया... अगले पन्ने पर


तोजी मंदिर के बाद मोदी किनकाकुजी मंदिर गए। स्वर्ण पत्ती वाले इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप 1955 से देखा जा रहा है। इससे ठीक 5 साल पहले 1950 में यहां एक बौद्ध भिक्षु ने 14वीं शताब्दी में बने मंदिर के मूल ढांचे को आग लगा दी थी।

मोदी ने इस बौद्ध मंदिर में पूजा की और इसके आसपास बने बगीचे तथा समीप स्थित एक झील को भी देखा। उन्होंने इस मंदिर के इतिहास के बारे में भी जानकारी ली।
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मंदिर के आसपास घूमते हुए मोदी ने आगंतुकों से बातचीत की और कुछ के साथ तस्वीरें खिंचवाईं। उन्होंने करीब 10 साल के एक बच्चे से बातें करते करते अचानक उसके कान प्यार से खींच लिए और छायाकारों ने इसे कैमरे में कैद कर लिया।

इस मंदिर में आए विदेशी नागरिक भारतीय प्रधानमंत्री को यहां देखकर रोमांचित थे। उनमें से कई लोग अपने मोबाइल फोनों से मोदी की तस्वीरें लेते देखे गए।

एक अमेरिकी पर्यटक को जब पता चला कि मोदी भी यहां आए हैं तो वह अपने साथी से यह कहते सुना गया कि हम सही समय पर यहां आए हैं। जापानी महिलाओं के एक समूह के साथ जब मोदी ने तस्वीरें खिंचवाईं तो यह समूह बेहद खुश हो गया। (भाषा)

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