राजधानी इस्लामाबाद में अभी भी प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। पूरे शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इससे पहले इमरान ने अपने हजारों समर्थकों के साथ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आवास पर धावा बोलने की धमकी दी जबकि धर्मगुरु ताहिर उल कादरी ने प्रदर्शनकारियों से संसद को घेरने का आह्वान किया।
इसी बीच ताकतवर सेना ने आगाह किया है कि राजधानी के बीचोंबीच स्थित प्रमुख इमारतों की सुरक्षा का सम्मान किया जाना चाहिए। यह तो साफ हो गया है कि सेना इमरान के साथ नहीं है और वह प्रधानमंत्री के आवास की पूरी मुस्तैदी से सुरक्षा कर रही है।
इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों के दबाव के चलते शरीफ ने इमरान खान से मिलने का आज निर्णय किया ताकि उनको सत्ता से बाहर करने के लिए चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों को खत्म करवाया जा सके।
प्रधानमंत्री के करीबी रेल मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने ट्वीट कर कहा, ‘यह फैसला किया गया है कि प्रधानमंत्री देश की शातिर इमरान खान से मुलाकात करेंगे।’उन्होंने इस मुलाकात का समय नहीं बताया।
बहरहाल, इमरान ने अपनी आक्रामक मुद्रा को बरकरार रखते हुए ट्वीट किया, ‘आज रात हम डी चौक (लाल क्षेत्र के भीतर जहां संसद भवन, प्रधानमंत्री भवन, राष्ट्रपति भवन उच्चतम न्यायालय तथा विभिन्न देशों के दूतावास स्थित हैं) पर आजादी का जश्न मनायेंगे।’
खान ने बीती रात संसद के बाहर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा था, ‘यदि नवाज शरीफ इस्तीफा नहीं देते हैं तो हम प्रधानमंत्री आवास में घुस जाएंगे।’ विपक्षी नेता ने कहा कि उन्होंने शरीफ को इस्तीफा देने के लिए बुधवार की शाम तक का वक्त दिया है, जबकि समाचार लिखे जाने के वक्त तक शाम गुजर चुकी है।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान ने ट्वीट किया, ‘मैं चाहता हूं कि सभी पाकिस्तानी प्रत्येक अवरोधक को तोड़कर यहां आए। पुलिस को चेतावनी दी जाती है कि हमारे लोगों को छोड़ दिया जाये अन्यथा हम उन्हें गैर कानूनी रूप से हमारे लोगों को हिरासत में रखने के लिए दंडित करेंगे।’
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई जबकि पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने 'डान न्यूज' को बताया कि पार्टी सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हो गई है। कुरैशी ने कहा, ‘हमने आपस में विचार विमर्श किया कि यदि बातचीत करने की बात आयी तो हमारा रूख क्या होगा..मकसद है कि इस गतिरोध से बाहर निकला जाये। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार करे।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी रणनीति स्पष्ट है। हम लोकतंत्र को मजबूत करना चाहते हैं इसे कमजोर नहीं करना चाहते। यह उस धारणा के विपरीत है, जो पेश की जा रही है।’’
पीटीआई के मीडिया सलाहकार फैजल वावदा ने कहा कि पार्टी की छह मांगों में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ का इस्तीफा, चुनाव सुधार, पाकिस्तानी चुनाव आयोग को भंग कर उसका पुनर्गठन करना, कुछ चुनावी क्षेत्रों में पुनर्मतगणना, चुनाव धांधली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और फिर से चुनाव करवाना शामिल है।
इन नाटकीय घटनाक्रमों के बीच पाकिस्तानी संसद के निचले सदन की बैठक हुई जिसमें शरीफ ने हिस्सा लिया। इस बीच, पाकिस्तान अवामी तहरीक :पीएटी: के प्रमुख कादरी ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को आदेश दिया कि सभी सांसदों के प्रवेश के बाद संसद को घेर लिया जाए ताकि प्रधानमंत्री शरीफ के इस्तीफे से पहले कोई भी बाहर नहीं निकल सके।
सेना ने कहा कि रेड जोन में स्थित इमारतें राष्ट्र का प्रतीक हैं और उनकी सुरक्षा सेना द्वारा की जा रही है ताकि इन राष्ट्रीय प्रतीकों की पवित्रता अक्षुण्ण रखी जा सके। प्रदर्शनकारियों के रेड जोन में घुस आने के बाद सेना ने शांति बरकरार रखने की अपील की है।
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल असीम सलीम बाजवा ने ट्वीट किया, ‘स्थिति की दरकार है कि व्यापक राष्ट्रीय एवं जनहित में सार्थक वार्ता के जरिये मौजूदा गतिरोध का समाधान निकालने के लिए सभी पक्षों द्वारा धर्य, बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता दिखायी जाए।’
संसद की इमारत के बाहर उत्साही भीड़ को संबोधित करते हुए कादरी ने कहा कि उन्होंने सांसदों को इमारत में इस लिए प्रवेश करने दिया ताकि ‘सभी शिकार एकसाथ जमा हो सकते।’ उन्होंने अपने समर्थकों को आदेश दिया कि परिसर में प्रवेश करने के बाद किसी भी सांसद को निकलने नहीं दिया जाए।
कादरी ने कहा, ‘मैंने बातचीत के रास्ते को कभी खारिज नहीं किया है।’ उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए उनके पास कोई भी नहीं आया है और उन्होंने किसी को भी ना नहीं कहा है। मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कादरी ने कहा कि हम संसद का एक पवित्र संस्था के रूप में सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘बहरहाल, मैं उन लोगों से सहमत नहीं हूं जो लोकतंत्र के नाम पर सरकारी आतंकवाद में संलग्न होते हैं।’
कादरी ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि वह और उनकी पार्टी पाकिस्तान में लोकतंत्र को पटरी से उतारने के लिए आंदोलन चला रहे हैं। इमरान और कादरी, दोनों ने पिछले साल हुए चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है और फिर से चुनाव करवाने की मांग की है।
चुनाव में शरीफ की पीएमएल.एन को 343 में 190 सीटें मिली थीं। पीटीआई 34 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। खान शरीफ को सत्ता से हटाना चाहते हैं जबकि कनाडा में रहने वाले धर्मगुरू कादरी पाकिस्तान में क्रांति चाहते हैं। (वेबदुनिया/भाषा)