सुपरकिंग्स के खिलाफ प्रतिष्ठा बचाने उतरेंगे डेयरडेविल्स

Webdunia
गुरुवार, 17 मई 2018 (14:44 IST)
नई दिल्ली। लीग तालिका में एक बार फिर अंतिम स्थान पर रहने की शर्मनाक स्थिति का सामना कर रही दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम शुक्रवार को यहां इंडियन प्रीमियर लीग के नॉकआउट के लिए पहले ही क्वालीफाई कर चुके चेन्नई सुपरकिंग्स को हराकर प्रतिष्ठा बचाने के इरादे से उतरेगी।

सुपरकिंग्स 12 मैचों में आठ जीत से 16 अंक के साथ पहले ही नॉकआउट में जगह बना चुकी है, जबकि दिल्ली की टीम इतने ही मैचों में सिर्फ तीन जीत से छह अंक के साथ अंतिम पायदान पर चल रही है और अगर वह अपने बाकी बचे दोनों मैच जीत भी लेती है तो भी उसका अंतिम स्थान पर ही रहना लगभग तय है।
दिल्ली की टीम इससे पहले 2011, 2013 और 2014 में भी अंतिम पायदान पर रहने की शर्मनाक स्थिति का सामना कर चुकी है। दूसरी तरफ सुपरकिंग्स इस मैच में जीत के साथ शीर्ष दो में अपनी जगह पक्की करना चाहेगी, जिससे कि उसे फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के दो मौके मिले। दिल्ली के पास 30 अप्रैल को पुणे में सुपरकिंग्स के खिलाफ 13 रन की हार का बदला चुकता करने का भी मौका होगा।

इस मैच में सुपरकिंग्स की जीत के हीरो शेन वाटसन और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रहे थे। वाटसन ने 40 गेंद में चार चौकों और सात छक्कों की मदद से 78, जबकि धोनी ने 22 गेंद में पांच छक्कों और दो चौकों की मदद से नाबाद 51 रन बनाए। मौजूदा सत्र में डेयरडेविल्स को उसके बड़े नामों ने निराश किया है। टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह से ऋषभ पंत और कप्तान श्रेयस अय्यर पर निर्भर रही है।

पंत ने अब तक 12 मैचों में एक शतक और चार अर्धशतक की बदौलत 52.90 के शानदार औसत से 582 रन जुटाए हैं। अय्यर भी 12 मैचों में 42.88 के औसत से 386 रन बना चुके हैं, जिसमें चार अर्धशतक शामिल हैं। युवा पृथ्वी शॉने सात मैचों में 30 से कुछ अधिक की औसत से 216 रन जुटाए हैं। अय्यर और पृथ्वी दोनों हालांकि पिछले दो मैचों में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं और टीम को कल उनसे बड़ी पारियों की उम्मीद होगी।

विजय शंकर ने सुपरकिंग्स के खिलाफ पिछले मैच में नाबाद 54 रन बनाए लेकिन वह अपने ऑलराउंडर के तमगे पर खरा उतरने में नाकाम रहे हैं। वे 11 मैचों में सिर्फ 133 रन बना पाए हैं जबकि उनके नाम पर सिर्फ एक विकेट दर्ज है और इस दौरान उन्होंने 11 रन प्रति ओवर से अधिक की दर से रन लुटाए हैं। टीम को ग्लेन मैक्सवेल (10 मैचों में 142 रन), जेसन राय (पांच मैचों में 120 रन), कोलिन मुनरो (पांच मैचों में 63 रन) और डैन क्रिस्टियन (चार मैचों में 26 रन) जैसे बड़े विदेशी बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन का नुकसान उठाना पड़ा है।

गेंदबाजों में ट्रेंट बोल्ट 12 मैचों में 15 विकेट के साथ आईपीएल 2018 में टीम के सबसे सफल गेंदबाज हैं लेकिन न्यूजीलैंड के इस तेज गेंदबाज ने प्रति ओवर 9.24 की रन गति से रन लुटाए हैं। आवेश खान ने अच्छी शुरुआत की थी लेकिन वे पिछले दो मैचों में विकेट चटकाने में नाकाम रहे। आवेश ने अपनी गति और उछाल के साथ प्रभावित किया है। उनके नाम पांच मैचों में चार विकेट दर्ज हैं।

राहुल तेवतिया (आठ मैचों में छह विकेट), क्रिस्टियन (चार मैचों में चार विकेट), क्रिस मौरिस (चार मैचों में तीन विकेट), मोहम्मद शमी (चार मैचों में तीन विकेट), शाहबाज नदीम (छह मैचों में तीन विकेट), अमित मिश्रा (आठ मैचों में सात विकेट) और लियाम प्लंकेट (छह मैचों में चार विकेट) ने निराश किया है। लेग स्पिनर संदीप लमिचाने ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के खिलाफ पिछले मैच में टी20 क्रिकेट में पदार्पण करते हुए किफायती गेंदबाजी की और देखना होगा कि कप्तान अय्यर उन्हें सुपरकिंग्स के खिलाफ मौका देते हैं या नहीं।

दूसरी तरफ सुपरकिंग्स की टीम अपने बल्लेबाजों और गेंदबाजों के ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत पहले ही नॉकआउट के लिए क्वालीफाई कर चुकी है। अंबाती रायुडू 12 मैचों में एक शतक और दो अर्धशतक से 48.63 की औसत से 535 रन जुटाकर टीम के सबसे सफल बल्लेबाज हैं। कप्तान धोनी 12 मैचों में 103.25 की औसत से 413 रन जुटाकर उस लय में बल्लेबाजी कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें जाना जाता है।

वाटसन (12 मैचों में 424 रन, एक शतक, दो अर्धशतक) और सुरेश रैना (11 मैचों में 315 रन, तीन अर्धशतक) भी अच्छी फार्म में हैं। ड्वेन ब्रावो (12 मैचों में 133 रन) ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ सत्र के पहले मैच में टीम को तूफानी बल्लेबाजी से जीत दिलाई थी, लेकिन इसके बाद उनके बल्ले ने चुप्पी साध ली है और टीम को उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी। फाफ डु प्लेसिस (तीन मैचों में 71 रन), सैम बिलिंग्स (आठ मैचों में 107 रन) और रवींद्र जडेजा (12 मैचों में 59 रन) ने अपनी बल्लेबाजी से निराश किया है।

सुपरकिंग्स की गेंदबाजी हालांकि उसकी कमजोर कड़ी कही जा सकती है। शार्दुल ठाकुर नौ मैचों में 11 विकेट चटकाकर सुपरकिंग्स के सबसे सफल गेंदबाज हैं। ब्रावो ने गेंदबाजी में बेहतर प्रदर्शन किया है और वे नौ विकेट चटका चुके हैं, लेकिन उन्होंने इस दौरान लगभग 10 रन प्रति ओवर के हिसाब से रन लुटाए हैं। दीपक चाहर, हरभजन सिंह और जडेजा ने टीम की ओर से सात-सात विकेट चटकाए हैं। वाटसन और इमरान ताहिर के नाम पर छह-छह विकेट दर्ज हैं लेकिन डेविड विली (तीन मैचों में दो विकेट) और कर्ण शर्मा (पांच मैचों में तीन विकेट) ने निराश किया है। (भाषा) 

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