IPL 2019 : प्लेऑफ से पहले ही IPL में छोड़ गए कई दिग्गज मीठी यादें

Webdunia
सोमवार, 6 मई 2019 (20:20 IST)
नई दिल्ली। आईपीएल का 12वां संस्करण जब अपने पूरे शबाब पर पहुंच चुका है तो कई दिग्गज खिलाड़ी टूर्नामेंट छोड़कर स्वदेश लौट चुके हैं जबकि कई दिग्गज खिलाड़ियों की टीमें प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई ही नहीं कर सकीं।
 
टूर्नामेंट के लीग मैचों का समापन रविवार को हुआ और 3-3 बार के चैंपियन मुंबई, चेन्नई सुपरकिंग्स और दिल्ली कैपिटल्स तथा सनराइजर्स हैदराबाद ने प्लेऑफ में जगह बना ली। मुंबई और चेन्नई के 3-3 बार खिताब जीतने के अलावा हैदराबाद भी एक बार चैंपियन रह चुकी है जबकि दिल्ली को अभी अपना पहला खिताब जीतना है।
बेहतर रन रेट में मुंबई अव्वल : मुंबई, चेन्नई और दिल्ली के लीग मैचों की समाप्ति के बाद एक बराबर 18-18 अंक रहे लेकिन बेहतर नेट रनरेट के आधार पर मुंबई को पहला, चेन्नई को दूसरा और दिल्ली को तीसरा स्थान मिला। हैदराबाद को 4था स्थान मिला। हैदराबाद, कोलकाता और किंग्स इलेवन पंजाब के एक बराबर 12-12 अंक रहे लेकिन बेहतर नेट रनरेट ने हैदराबाद को प्लेऑफ में पहुंचा दिया।
 
IPL में आगे का कार्यक्रम : अब 7 मई को होने वाले पहले क्वालीफायर में मुंबई और चेन्नई का मुकाबला होगा जबकि दिल्ली और हैदराबाद 8 मई को एलिमिनेटर में भिड़ेंगे। पहला क्वालीफायर जीतने वाली टीम सीधे 12 मई के फाइनल में पहुंच जाएगी जबकि हारने वाली टीम एलिमिनेटर के विजेता से 10 मई को दूसरे क्वालीफायर में भिड़ेगी।
इस IPL को भुलाना चाहेंगे विराट : रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर और भारतीय कप्तान विराट कोहली एक बार फिर आईपीएल में अपनी टीम के प्रदर्शन को भुलाना चाहेंगे। बेंगलोर की टीम 14 में से 8 मैच गंवाकर 11 अंकों के साथ सबसे फिसड्डी रही। राजस्थान रॉयल्स अजिंक्य रहाणे और स्टीव स्मिथ की कप्तानी के बीच झूलती रही और वह भी 11 अंकों के साथ 7वें स्थान पर रही। 
 
राजस्थान को हार का मलाल : अपने आखिरी मैच में दिल्ली से मिली हार का गहरा अफसोस रहा होगा। राजस्थान यदि यह मैच जीत जाती तो वह 13 अंकों के साथ प्लेऑफ में पहुंच सकती है। कोलकाता और पंजाब को भी अपने नेट रनरेट का अफसोस रहा होगा जिसके कारण दोनों ही टीमें प्लेऑफ में जगह नहीं बना सकी। हैदराबाद, कोलकाता और पंजाब के एक बराबर 12 अंक थे लेकिन बेहतर रन औसत में हैदराबाद को प्लेऑफ में पहुंचा दिया।
 
आंद्रे रसेल : कोलकाता ने अपने निर्णायक मुकाबले में मुंबई के खिलाफ बल्ले और गेंद दोनों से ही निराशाजनक प्रदर्शन किया। पूरे टूर्नामेंट में जबरदस्त बल्लेबाजी करने वाले और 14 मैचों में 510 रन बनाकर लीग दौर में तीसरे शीर्ष स्कोरर रहे कोलकाता के आंद्रे रसेल अंतिम मैच में खाता खोले बिना आउट हो गए, जिससे कोलकाता की उम्मीदें टूट गईं।
 
रसेल ने ठोंके रिकॉर्ड 52 छक्के : रसेल ने टूर्नामेंट में 31 चौके और रिकॉर्ड 52 छक्के मारे लेकिन जब टीम को उनसे बड़े स्कोर की सबसे अधिक जरूरत थी तब वे अपनी टीम को निराश कर गए। रसेल जैसा ही हाल पंजाब के ओपनर लोकेश राहुल का रहा जिन्होंने 14 मैचों में 593 रन मारे और दूसरे सर्वाधिक स्कोरर रहे लेकिन उनकी टीम भी प्लेऑफ में जगह नहीं बना सकी।
 
जॉनी बेयरस्टो : हैदराबाद के एक अन्य बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो ने 10 मैचों में 445 रन बनाए लेकिन वे भी विश्व कप की तैयारियों को लेकर इंग्लैंड लौट चुके हैं। वॉर्नर और बेयरस्टो की जोड़ी इस टूर्नामेंट की सबसे सफल ओपनिंग जोड़ी रही।
डेविड वॉर्नर : हैदराबाद की टीम प्लेऑफ में तो पहुंच गई है लेकिन उसके सबसे बड़े बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर टीम के अंतिम 2 लीग मैचों से पहले ही स्वदेश लौट गए। टीम को प्लेऑफ में वॉर्नर की कमी खलेगी जिन्होंने 12 मैचों में 1 शतक और 8 अर्द्धशतकों की बदौलत सर्वाधिक 692 रन बनाए।
 
स्टीवन स्मिथ ने वापसी कराई : राजस्थान ने रहाणे को हटाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ को फिर से कप्तान बनाया जिन्होंने राजस्थान को पटरी पर लौटाया लेकिन आखिरी मैच से पहले वे भी स्वदेश लौट गए और राजस्थान की गाड़ी अंत में पटरी से उतर गई।
 
इनकी खलेगी कमी : प्लेऑफ में प्रशंसकों को विराट और एबी डीविलियर्स जैसे स्टारों की कमी खलेगी। विराट ने 14 मैचों में 464 रन और डीविलियर्स ने 13 मैचों में 442 रन बनाए। पंजाब के क्रिस गेल ने 13 मैचों में 490 रन बनाए लेकिन वे भी प्लेऑफ से दूर रहेंगे।
कैगिसो रबाडा की खलेगी कमी : गेंदबाजों में दिल्ली के क्लब से खेलने वाले तेज गेंदबाज दक्षिण अफ्रीका के कैगिसो रबाडा पीठ की परेशानी के कारण स्वदेश लौट चुके हैं और प्लेऑफ में दिल्ली को रबाडा की कमी काफी खलेगी। रबाडा ने 12 मैचों में सर्वाधिक 25 विकेट हासिल किए हैं। पंजाब की ओर से खेलने वाले भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने 14 मैचों में 19 विकेट लिए लेकिन उन्हें भी प्लेऑफ से बाहर रहना पड़ेगा।
 
धोनी ने छोड़ी छाप : टूर्नामेंट के लीग दौर में सबसे अधिक प्रभावित चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने किया जिन्होंने कप्तानी, बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग तीनों ही विभाग में अपनी छाप छोड़ी।

धोनी तबीयत ठीक न होने के कारण जिन 2 मैचों में नहीं खेले, उसमें चेन्नई को हार का सामना करना पड़ा। धोनी ने 12 मैचों में 368 रन बनाए जिनमें उनका सर्वश्रेष्ठ नाबाद 84 का स्कोर भी शामिल है।
धोनी की यादगार स्टम्पिंग : धोनी की विकेटकीपिंग और बिजली जैसी स्टम्पिंग की तारीफ सभी ने की। उन्होंने विकेट के पीछे 12 मैचों में 13 शिकार किए। धोनी की कप्तानी ने ही चेन्नई के प्रदर्शन में सारा अंतर पैदा किया। उन्होंने अपने 3 स्पिनरों ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह, लेग स्पिनर इमरान ताहिर और लेफ्ट आर्म स्पिनर रवीन्द्र जडेजा का इस तरह इस्तेमाल किया कि विपक्षी बल्लेबाज उनके स्पिन जाल में बंधकर रह गए।
 
गेंदबाजी में इमरान ताहिर का जलवा : ताहिर ने 14 मैचों में 21 विकेट तथा हरभजन और जडेजा ने 13-13 विकेट हासिल किए। चेन्नई के इन तीनों स्पिनरों में कुल 47 विकेट हासिल किए और प्लेऑफ में भी इनकी भूमिका अहम रहेगी। हरभजन लंबे समय तक मुंबई टीम की तरफ से खेले थे लेकिन इस सत्र में वे चेन्नई से खेले और धोनी ने उनसे ओपनिंग स्पेल कराकर एक बार फिर पुराने टर्बनेटर की याद दिला दी।
 
हार्दिक पांड्‍या : लीग दौर के सबसे बड़े ऑलराउंडर रहे मुंबई के हार्दिक पांड्या जिन्होंने 14 मैचों में 373 रन बनाने के अलावा 14 विकेट भी हासिल किए। पांड्या ने टूर्नामेंट में 28 छक्के मारे हैं और उनकी 91 रन की मैच जिताऊ पारी आईपीएल-12 की सर्वश्रेष्ठ पारियों में शुमार की जा सकती है। अपने इस प्रदर्शन से पांड्या 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' के भी प्रबल दावेदार बन गए हैं। उन्होंने मुंबई को कई ऐसे मैचों में जीत दिलाई जब टीम ने जीत की आस छोड़ दी थी।

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