दुबई। हरफनमौला क्रिस मौरिस (Chris Maurice) के लिए बिना दबाव के क्रिकेट उबाऊ है और उन्हें लगता है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (Royal Challengers Bangalore) में उनकी भूमिका पर स्पष्टता से उन्हें अभी तक इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) में लगातार प्रदर्शन करने में मदद मिली है। मौरिस की हमेशा इंडियन प्रीमियर लीग में काफी मांग रही है और दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के साथ चार सत्र खेलने के बाद वह अब आरसीबी में हैं।
वह मांसपेशियों में खिंचाव के कारण सत्र के शुरूआती चार मैचों में नहीं खेल पाए थे। चोट से उबरने के बाद मैदान में उतरे इस दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी ने तुरंत ही असर दिखाना शुरू किया और अब तक पांच रन प्रति ओवर के बेहतरीन इकोनॉमी रेट से पांच मैचों में नौ विकेट झटक लिए हैं।
यह पूछने पर कि इस सत्र में उनके लिए क्या कारगर रहा? तो मौरिस ने शुक्रवार को ऑनलाइन मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, कोविड-19 के कारण लगा ब्रेक शरीर और मानिसक रूप से तरोताजा होने के लिए दोनों के लिए अच्छा था। फिर से खेलना अच्छा है और ऐसा सिर्फ योजना को लेकर स्पष्टता से हुआ कि किस तरह से इसका कार्यान्वयन किए जाने की जरूरत है।
तैंतीस साल के इस क्रिकेटर ने कहा, हम काफी ‘होमवर्क’ करते हैं। जब तक मैच होता है, हम जान जाते हैं कि क्या जरूरी है। हमारी योजना काफी स्पष्ट रही है और अगर कुछ गलत होता है तो बी योजना तैयार रहती है, अगर यह भी काम नहीं करती तो हमारे पास सी योजना होती है और यह भी विफल होती है तो मेरा ओवर भी खत्म हो जाता है (हंसते हुए)।
मौरिस ने कहा कि चोट के बाद रिहैबिलिटेशन का समय उनके लिए काफी मुश्किल था लेकिन सहयोगी स्टाफ ने इसे काफी आसान बना दिया। उन्होंने कहा, इतना महत्वपूर्ण महसूस करना हमेशा अच्छा होता है। मेडिकल स्टॉफ ने शानदार काम किया। यह मेरे लिए नई चोट थी। जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था तो मेरे पेट की मांसपेशी अकड़ गई। साढ़े चार हफ्ते काफी मुश्किल थे।
मौरिस ने कहा, मेरे कमरे में उपचार के लिए एक मशीन थी। मैं प्रत्येक दो घंटे में बर्फ लगाता। यह काफी मुश्किल समय था और अब बिना दर्द के खेलकर सचमुच काफी खुश हूं।
शुरू में और डेथ ओवरों में गेंदबाजी के बारे में पूछने पर मौरिस ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि मैं अच्छी स्थिति में हूं। बिना किसी दबाव के क्रिकेट उबाऊ है। बतौर क्रिकेटर आप हमेशा अपनी परीक्षा चाहते हो।(भाषा)