यह बहस लंबे समय तक चलती रहेगी कि आखिर मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) ने बीती रात आईपीएल (IPL) के रोमांचक मुकाबले के 'सुपर ओवर' (Super Over) में 1 रन से शतक चूकने वाले ईशान किशन (Ishan Kishan) को क्यों नहीं आजमाया? ईशान ही वो बल्लेबाज थे, जो RCB की लगभग तय हो चुकी जीत से मैच को निकालकर उसे 'टाई' की दहलीज तक ले गए थे।
ईशान 20वें ओवर की अंतिम गेंद के ठीक पूर्व छक्का लगाने के प्रयास में जब उदाना की गेंद पर देवदत्त के हाथों कैच आउट हुए, तब वे 99 रनों के स्कोर पर थे और मुंबई का स्कोर 197 रन था। वह जीत से 5 रन के फासले पर था। अंतिम गेंद पर यदि कीरोन पोलार्ड छक्का जड़ देते तो मैच सुपर ओवर तक जाता ही नहीं लेकिन उनके बल्ले से निकला शॉट केवल 4 रन के लिए ही गया।
'सुपर ओवर' में जब मुंबई को पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिला तो सभी उम्मीद कर रहे थे कि पोलार्ड के साथ ईशान किशन ही मैदान में उतरेंगे क्योंकि वे फॉर्म में थे और गेंदों पर पूरी नजर जमा चुके थे लेकिन हुआ बिलकुल अलग...पोलार्ड और हार्दिक पांड्या की जोड़ी मैदान में उतरी जबकि ईशान ने पैड्स तक नहीं खोले थे। मुंबई ने पोलार्ड का विकेट गंवाया, तब भी ईशान के बजाय खुद रोहित शर्मा मैदान पर उतरे। मुंबई ने 6 गेंदों पर 7 रन ही बनाए। आरसीबी ने बिना कोई विकेट खोए जीत के लिए मिला 8 रन का लक्ष्य अर्जित कर डाला।
आईपीएल में यह पहला मौका था, जब मुंबई इंडियंस की टीम सुपर ओवर में हारी हो। कप्तान रोहित शर्मा का यह तर्क गले नहीं उतरता कि ईशान थक गए थे, इसलिए उन्हें सुपर ओवर में नहीं भेजा। आईपीएल जैसे मंच पर जब कोई खिलाड़ी उतरता है तो उसमें काफी दमखम रहता है। थोड़े से विश्राम के बाद वह तरोताजा हो जाता है। जब सुपर ओवर चल रहा था, तब भी ईशान काफी जोश में थे। यदि हार्दिक की जगह उन्हें भेजा जाता तो हो सकता था कि मैच का परिणाम दूसरा होता।
मुंबई ने 202 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 5 विकेट 201 रन बनाए थे। कप्तान रोहित शर्मा फ्लॉप रहे और केवल 8 रन पर आउट हो गए थे जबकि हार्दिक पांड्या भी 13 गेंदों में 15 रन ही बना सके थे। दूसरी तरफ ईशान किशन ने 58 गेंदों में 2 चौकों व 9 छक्कों की मदद से 99 रनों की शानदार पारी खेली थी। ईशान और पोलार्ड मुंबई को मैच में तब वापस लौटा लाए थे, जब उसे जीत के लिए 36 गेंदों में 104 रनों की जरूरत थी। बाद में यह फासला 18 गेंद में 53 रन और 12 गेंदों में उसे जीत के लिए 30 रन का रह गया था।
क्रिकेट में दखल रखने वाले खुद तय कर सकते हैं कि बल्लेबाजों की जो जोड़ी अपनी मेहनत से मैच को इतने करीब ला सकती थी तो वह क्या सुपर ओवर में फेल हो जाती? होना तो यह था कि रोहित शर्मा खुद के बजाय कीरोन पोलार्ड और ईशान किशन की जोड़ी को मैदान में उतारते। लेकिन अब तर्क-वितर्क करने का समय निकल चुका है। भविष्य में मुंबई के सामने फिर कभी 'सुपर ओवर' का अवसर आए तो उसे चाहिए कि ऐसे मौके पर सेट जोड़ी को ही उतारे और उस गलती को न दोहराए जो उसने आरसीबी के खिलाफ की है।