मुंबई से हुए मुकाबले में रोहित शर्मा को 7 रनों के स्कोर पर पवेलियन भेजने वाले आवेश खान एक दिलचस्प तरीके से परफेक्ट यॉर्कर की प्रैक्टिस करते हैं। आईपीएल के मौजूदा सत्र में अपने सटीक यॉर्कर और बेहतरीन गेंदबाजी से चर्चा में आये तेज गेंदबाज आवेश खान कैरियर की शुरूआत से इस गेंद पर मेहनत करते आये हैं और इसमें परफेक्शन लाने के लिये बोतल या जूता रखकर घंटों अभ्यास करते हैं।
दिल्ली कैपिटल्स के लिये आईपीएल के मौजूदा सत्र में अब तक 12 मैचों में 21 विकेट ले चुके आवेश के साथी गेंदबाज एनरिच नोर्किया ने हाल ही में कहा था कि इस युवा तेज गेंदबाज से सटीक यॉर्कर डालने की कला सीखनी होगी।
10-12 यॉर्कर डालने की कोशिश रहती है
आईपीएल के इस सत्र के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक इंदौर के इस तेज गेंदबाज ने यूएई से दिये इंटरव्यू में कहा ,मैं अभ्यास करते समय 10-12 यॉर्कर जरूर डालता हूं। यॉर्कर ऐसी गेंद है जिस पर महारत अभ्यास से आती है। मैं बोतल या जूते रखकर गेंद डालता हूं और उस पर गेंद लगती है तो मेरा आत्मविश्वास बढता है और परफेक्शन आती है।
उन्होंने कहा , यॉर्कर विकेट लेने वाली गेंद है। दबाव में इसे डालना अहम है क्योंकि यह ही ऐसी गेंद है जिससे मार खाने से बच सकते हैं। नये बल्लेबाज को अपेक्षा नहीं रहती कि उसे आते ही यॉर्कर मिलेगी लेकिन मैं डालता हूं।
आईपीएल के इस सत्र में अपने प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा ,काफी अच्छा रहा है सफर। मैने हमेशा क्रिकेट शौक या जुनून के तौर पर खेला है और कभी सोचा नहीं था कि इतने ऊंचे स्तर पर क्रिकेट खेलूंगा। इंदौर में हमेशा टेनिस गेंद से क्रिकेट खेला करता था।
उन्होंने कहा , यूं तो चार पांच साल से आईपीएल खेल रहा हूं लेकिन इस साल प्रदर्शन खास रहा है। टीम का भी और मेरा भी और यही कोशिश करूंगा कि लय बनी रहे ।
दक्षिण अफ्रीका के कैगिसो रबाडा और नोर्किया के साथ आवेश दिल्ली के तेज आक्रमण को काफी मजबूत बनाते हैं जो टीम की सफलता की कुंजी भी साबित हुआ है।
रबाडा और नोर्किया के साथ काफी कुछ सीखा
रबाडा और नोर्किया के साथ गेंदबाजी के अनुभव पर उन्होंने कहा , मैंने दोनों से काफी कुछ सीखा है । जब भी इन दोनों में से कोई पहला ओवर करता है तो मैं उनसे पूछता हूं कि पिच कैसी है और कैसी गेंद ज्यादा प्रभावी है या क्या और कर सकते हैं। किस बल्लेबाज को कैसे गेंद डालनी है। मैदान पर काफी बात होती है और हमारा फोकस एक ईकाई के रूप में अच्छे प्रदर्शन पर रहता है।
दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन और भारत के मोहम्मद शमी से प्रभावित आवेश का कोई रोलमॉडल नहीं है लेकिन वे सभी से कुछ सीखने की कोशिश करते है । अपने कैरियर में दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग के योगदान का भी उल्लेख करना वह नहीं भूलते।
उन्होंने कहा, रिकी सर के साथ यह चौथा साल है और मैं इतना कह सकता हूं कि वह जितने महान क्रिकेटर रहे, उतने ही उम्दा कोच भी हैं। वह मानसिक पहलू पर ज्यादा बात करते हैं। वह ड्रेसिंग रूम में बात करते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हम उनसे कुछ भी बात कर सकते हैं।
पिछले मैच में तीन विकेट लेने के बाद पोंटिंग से मिली तारीफ उनके लिये खास है । उन्होंने कहा , पहले वह बोलते थे कि गुमनाम नायक हूं लेकिन पिछले मैच के बाद कहा कि अब तुम गुमनाम नहीं रहे । मेरे लिये यह बहुत बड़ी बात है।
तेरह वर्ष की उम्र में मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के एक चयन ट्रायल में पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया ने आवेश को तलाशा और प्रदेश अकादमी में अंडर 16 टीम में उनका चयन हुआ। अंडर 19 विश्व कप 2016 में उन्होंने भारत के लिये सर्वाधिक 12 विकेट लिये। रणजी कोच चंद्रकांत पंडित ने उनके खेल को निखारा और आज भी हर मैच से पहले या बाद में वह पंडित से बात करते है।
माही के विकेट को मानते हैं ड्रीम विकेट
चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मैच में महेंद्र सिंह धोनी के विकेट को अपना ड्रीम विकेट बताने वाले आवेश को भारत के पूर्व कप्तान से भी मार्गदर्शन मिला है जो छोटे शहर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों को छूने की हसरत रखने वालों के लिये मिसाल हैं।
उन्होंने बताया ,माही भाई ने इतने खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया है। मेरा भी सपना है उनकी कप्तानी में खेलना । मैच के बाद उनसे बात करता था और वह समझाते थे कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। जो भी वह बताते हैं, मेरे जेहन में चस्पा हो गया है और उसे आगे हमेशा याद रखूंगा।