मुंबई: मुंबई इंडियंस के साथ दो सीज़न तक खेले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज़ क्रिस लिन ने कहा कि मुंबई कैंप में उन्होंने गुटों की दस्तक शुरू होना महसूस किया था। 2020 और 2021 में केवल एक आईपीएल मैच ही खेलने वाले लिन ने कहा कि मुंबई 11 की टीम की जगह 11 व्यक्तिगत दिख रही थी।
लिन आईपीएल 2022 में क्रिकइंफो के एक्सपर्ट एनालिस्ट हैं और उन्होंने यह बयान तब दिया जब रोहित शर्मा की टीम आईपीएल इतिहास में लगातार सात मैच हारने वाली पहली टीम बनी है।
लिन ने क्रिकइंफो के टी20 टाइम आउट में कहा, "जब आप तालिका में बिल्कुल नीचे होते हो तो कप्तान की ही तरह कीरोन पोलार्ड भी आमतौर पर डीप मिडऑन या मिडऑफ़ से मदद करने आपको शांत करने आते हैं। हमने यह अभी तक मुंबई के साथ नहीं देखा क्योंकि वे अब छोटे गुटों में बंटना शुरू हो गए हैं और यह एक अच्छा संकेत नहीं है। मुझे लगता है कि ड्रेसिंग रूम अभी अच्छी जगह नहीं होगी।"
एक भी मैच नहीं खेले बिना लिन मुंबई की उस टीम का हिस्सा रहे जिसने 2020 में आईपीएल जीता था। लिन ने कहा कि उस समय का माहौल इस समय से बिल्कुल अलग है। "जब वे दो साल पहले टूर्नामेंट जीते थे, तब की तुलना में अब बिल्कुल उल्टा है। तब वे हमेशा बात करते रहते थे - कैसे हम बेहतर हो सकते हैं, कैसे हम इस ओवर में बेहतर कर सकते हैं। यह सभी छोटी बातचीत कोचिंग स्टाफ़ के बिना होती थी, क्योंकि वे सभी जीतना चाहते थे। तो हम इस बार वह नहीं देख रहे हैं, हम बिल्कुल इसका उलट देख रहे हैं। ऐसा लगता है कि यह 11 की टीम नहीं बल्कि 11 व्यक्तिगत खिलाड़ी मैदान पर उतर रहे हैं।"मुंबई ने चेन्नई के खिलाफ गुरुवार का मैच आख़िरी गेंद पर गंवा दिया, जहां मुंबई के साथ इस सीज़न जूझ रही चेन्नई सुपर किंग्स ने दूसरी जीत दर्ज की।
लिन ने कहा, "जीतना और हारना आदत है। और हम देख रहे हैं कि दूसरी ओर चेन्नई अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं। वहीं मुंबई की बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी, क्षेत्ररक्षण और मानसिक तौर पर समस्या है। ऐसा लगता है कि सेट-अप में हर जगह गुट हैं। तो उम्मीद है कि वे जल्द इसको ठीक करेंगे क्योंकि जब मुंबई अच्छा क्रिकेट खेलती है तो यह आईपीएल के लिए भी अच्छा होता है, यह विश्व क्रिकेट के लिए अच्छा होता है और जब भी वह अच्छा करते हैं तो बहुत ही प्रभावित करने वाली टीम दिखती है।"
मुंबई अभी भी इस आईपीएल सीज़न में तालिका में 10वें स्थान पर है और हर मैच के साथ कप्तान रोहित भी यह समझा नहीं पा रहे हैं कि कहां वह फेल हो रहे हैं, ना सिर्फ़ कौशल को लेकर बल्कि अहम मूमेंट्स को जीतने के बारे में भी। आख़िरी ओवर में जयदेव उनादकट 16 रन नहीं बचा पाए थे, जबकि रोहित ने मैच के अंत तक मैच में बनाए रखने के लिए अपने गेंदबाज़ों की तारीफ़ की। रोहित और मुंबई के प्रमुख कोच महेला जयवर्धने ने शीर्ष क्रम के विफल होने को दोषी ठहराया।
जयवर्धने ने मैच के बाद पत्रकार वार्ता में कहा, "आपके पास मैच को ख़त्म करने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। हम लोग हमेशा ग़लती किए जा रहे थे। हम जानते थे कि विकेट पहले छह ओवर में मुश्किल होगा। हमें बस उस समय शांत रहना था और आगे बढ़ना था। मुझे लगता है गेंदबाज़ों ने रणनीति के तहत गेंदबाज़ी की। एमएस धोनी का अनुभव उनके लिए आख़िर में भारी पड़ गया। यह छोटी छोटी चीज़ें हैं जिनसे हमें उबरना होगा। पिछले मैचों में भी हमें मौक़े मिले थे। हमें बस लड़ते रहना होगा यही मेरा मैसेज हैं। लड़के यह समझते हैं कि वह लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन उन्हें पिच पर उसे अमलीजामा पहनाना होगा।"(वार्ता)