अब उसका समर्थन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी किया है। एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने रविवार को कहा कि हम जो भी सर्विसेज दे रहे हैं, उनसे एसबीआई को फायदा होना चाहिए।
हम कमर्शियल नजरिए से प्रैक्टिकल मॉडल चाहते हैं। हम हर महीने नुकसान नहीं उठा सकते। कुछ राज्यों को छोड़कर अन्य जगहों पर एटीएम ऑपरेशन घाटे में चल रहा है। एसबीआई हमेशा के लिए एटीएम पर 'सब्सिडी' नहीं दे सकता। मैं और एटीएम लगाना चाहती हूं, लेकिन मुझे यह भी समझना होगा कि इसे टिकाऊ किस तरह से बनाया जा सकता है।
देश में सबसे बड़ा एटीएम नेटवर्क चलाने वाले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) का कहना है कि एटीएम ऑपरेशन में घाटा हो रहा है। उसने इसके लिए ग्राहकों से फीस वसूलने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कहा कि एटीएम से पैसा निकालने की संख्या सीमित करने के प्रस्ताव पर विचार होगा। आइए जानते हैं कौनसे लगते हैं चार्ज और इन चार्जेस से कैसे बचें।
अगले पन्ने पर, दूसरे बैंक के एटीएम में ऐसे लगता है चार्ज...
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार अपने दूसरे बैंकों के एटीएम से एक महीने में अधिकतम पांच बार ट्रांजेक्शन मुफ्त किया जा सकता है।
इनमें पैसे निकालना, खाते बैलेंस चेक करना और एटीएम का पिन बदलना शामिल है। पांच से ज्यादा ट्रांजेक्शन पर आपको शुल्क देना पड़ता है। पहले यह नियम दूसरे बैंकों के एटीएम से सिर्फ पैसे निकालने पर लागू था। बैंलेस चेक करने व पिन बदलने पर नहीं, लेकिन अब सभी तरह के कामकाज ट्रांजेक्शन की परिभाषा में शामिल कर लिए गए हैं।
अगले पन्ने पर, कितना लगती है फीस...
पांच बार से ज्यादा दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालने पर हर ट्रांजेक्शन पर 20 रुपए शुल्क लागू होता है जबकि गैर नकदी ट्रांजेक्शन पर 9 रुपए है।
ग्राहक तो जरूरी होने पर शुल्क चुकाकर पैसे निकाल लेते हैं, लेकिन उनके अपने बैंक व जिस बैंक की एटीएम से पैसे निकाले गए हैं, दोनों को इस राशि को सेटल करने में लंबी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। अत: ध्यान रखें कि अपने एटीएम का प्रयोग ज्यादा करें।
अगले पन्ने पर, एटीएम प्रयोग में रखे जाने वाली सावधानियां...