ED का दावा- Vivo ने टैक्स से बचने के लिए 62,476 करोड़ विदेश भेजे, 119 अकाउंट से 465 करोड़ जब्‍त

Webdunia
गुरुवार, 7 जुलाई 2022 (21:36 IST)
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को कहा कि चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता वीवो की भारतीय इकाई ने यहां पर कर देनदारी से बचने के लिए अपने कुल कारोबार का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा यानी 62,476 करोड़ रुपये विदेशों में भेज दिए।
 
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि वीवो इंडिया ने भारत में कर देने से बचने के लिए अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा चीन एवं कुछ अन्य देशों में भेज दिया। विदेशों में भेजी गई राशि 62,476 करोड़ रुपए है जो उसके कारोबार का लगभग आधा हिस्सा है।
 
ईडी ने कहा कि वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं इसकी 23 संबद्ध कंपनियों के खिलाफ बुधवार को चलाए गए सघन तलाशी अभियान के बाद उनके बैंक खातों में जमा 465 करोड़ रुपए की राशि जब्त की गई है। इसके अलावा 73 लाख रुपए की नकदी और दो किलोग्राम सोने की छड़ें भी जब्त की गई हैं।
 
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वीवो के पूर्व निदेशक बिन लाऊ ने भारत में कई कंपनियां बनाने के बाद वर्ष 2018 में देश छोड़ दिया था। अब इन कंपनियों के वित्तीय ब्योरों पर जांच एजेंसी की नजरें हैं।
 
प्रवर्तन निदेशालय ने यह आरोप भी लगाया है कि वीवो इंडिया के कर्मचारियों ने उसकी तलाशी अभियान के दौरान सहयोग नहीं किया और भागने एवं डिजिटल उपकरणों को छिपाने की कोशिश भी की। हालांकि एजेंसी की तलाशी टीमें इन डिजिटल सूचनाओं को हासिल करने में सफल रहीं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

ट्रंप क्यों नहीं चाहते Apple अपने प्रोडक्ट भारत में बनाए?

क्या है RIC त्रिगुट, रूस क्यों चाहता है फिर इसे सक्रिय करना

हेलो इंदौर ये है आपकी मेट्रो ट्रेन, जानिए Indore Metro के बारे में 360 डिग्री इन्‍फॉर्मेशन

'सिंदूर' की धमक से गिड़गिड़ा रहा था दुश्मन, हमने चुन चुनकर ठिकाने तबाह किए

खतना करवाते हैं लेकिन पुनर्जन्म और मोक्ष में करते हैं विश्वास, जानिए कौन हैं मुसलमानों के बीच रहने वाले यजीदी

सभी देखें

नवीनतम

आंध्र प्रदेश में विस्फोट की कोशिश नाकाम, बम बनाने से पहले 2 आतंकी गिरफ्तार

फिर बोले डोनाल्ड ट्रंप, कहा- मैंने भारत और पाकिस्तान को इस तरह लड़ने से रोका

जयशंकर बोले, आतंकवाद के समर्थकों को चुकानी होगी भारी कीमत

US में 5 लाख लोगों पर लटकी निर्वासन की तलवार, सुप्रीम कोर्ट ने दी ट्रंप को हरी झंडी

भारत को सालाना 4.5 अरब डॉलर ऋण देने को तैयार एडीबी

अगला लेख