नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने दूरसंचार विभाग के हर साल स्पेक्ट्रम नीलामी (spectrum auction) की नीति पर रोक लगाने के औचित्य पर सवाल उठाया है। कंपनी ने मांग की है कि देश में डेटा की मांग को पूरा करने के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी यथाशीघ्र होनी चाहिए।
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली जियो ने 28 सितंबर को एक पत्र दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश को लिखा। पत्र में कहा गया है कि राष्ट्र निर्माण से जुड़ी नीतियों को कुछ परिचालकों के निहित स्वार्थ के लिए बंधक नहीं रखा जाना चाहिए। नीलामी में देरी से न केवल सरकारी खजाने को नुकसान होगा बल्कि निवेशक भी परेशान होंगे क्योंकि यह कारोबार सुगमता के सिद्धांता के खिलाफ है।
रिलायंस जियो ने एक पत्र में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2012 में आए फैसले के बाद से हर साल सभी उपलब्ध स्पेक्ट्रम की नीलामी की सफल और सार्थक नीति में अब इस अचानक ठहराव के पीछे हमें कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा।
शीर्ष अदालत के 2012 में 2जी मामले में आदेश के बाद स्पेक्ट्रम की नीलामी हर साल हुई। आखिरी बार वर्ष 2016 में नीलामी हुई थी।
पत्र में कहा गया है कि क्षेत्र के सतत और व्यवस्थित विकास, राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करने और सभी के लिए गुणवत्ता ब्रॉडबैंड के प्रावधान के लिए, पर्याप्त स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाना जरूरी है। इसलिए, हम इस बात को दोहराते हैं कि सभी उपलब्ध स्पेक्ट्रम को तुरंत नीलामी की जानी चाहिए। (भाषा)