भूख से लड़ने के लिए बनाया मोबाइल एप

Webdunia
गुरुवार, 2 जुलाई 2015 (16:27 IST)
न्यूयॉर्क। कैलिफोर्निया की एक महिला ने एक ऐसा फोन एप विकसित किया है जिसके जरिए वह शहर के करीब 6 लाख बेघर लोगों को खाना खिलाती है। अमेरिका में खाने के बरबादी किए जाने की समस्या से चिंतित महिला ने यह कदम उठाया। 
तीन वर्ष पहले कोमल अहमद, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (बर्कले) में एक छात्र थीं और अपने कैम्पस के पास जा रही थीं कि एक बेघर आदमी उनके पास आया और उसने उनसे खाना खरीदने के लिए पैसे मांगे। अब 25 वर्षीय सुश्री अहमद ने पैसे देने की बजाय उसे घर पर भोजन करने के लिए आमंत्रित किया। 
 
भोजन करने के दौरान उसने उन्हें बताया कि वह एक सैनिक था और हाल ही में इराक से वापस लौटा है। वे कहती हैं कि इस अनुभव ने उनके दिलोदिमाग को मथ दिया। उन्होंने यूनिवर्सिटी में एक शुरुआत की और इसके तहत उन्होंने उन डाइनिंग हॉल्स से संपर्क किया जो कि स्थानीय बेघर लोगों के लिए अतिरिक्त भोजन उपलब्ध करा सकते थे। 
 
यह शुरुआत इतनी सफल रही कि तीन वर्ष की अवधि में यह अमेरिका के 140 कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज में फैल गई। इस नॉट फॉर प्रॉफिट सेवा 'फीडिंग फॉरवर्ड' के लिए सीईओ का काम करने वाली अहमद ने न्यूयॉर्क के डेली न्यूज से कहा कि अतिरिक्त भोजन की बरबादी दुनिया की सबसे 'बड़ी समस्या' है। उन्होंने यह भी कहा कि भूख बहुत बुरी होती है। यह हर जगह भयावह है, लेकिन दुनिया के सबसे समृद्ध और औद्योगिक देश में ऐसा नहीं होना चाहिए।'
 
उनके इस एप के जरिए कं‍‍पनियां और इवेंट प्लानर्स अपने अतिरिक्त भोजन अपने ही इलाके के उन लोगों को दे सकते हैं जिनको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इतना करने के लिए मात्र एक बार बटन क्लिक करने की जरूरत होती है। ये लोग फीडिंग फॉरवर्ड ड्राइवर्स को बताते हैं कि वे कहां पर हैं और ड्राइवर बचा हुआ भोजन लेकर उन लोगों तक पहुंचाते हैं जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। फीडिंग फॉरवर्ड फिलहाल सान फ्रांसिस्को क्षेत्र में ही लोगों की सेवा करती है और यह शहर में करीब 575,000 लोगों को भोजन उपलब्ध कराने में सफल रही है।
अहमद का कहना है कि अमेरिका की खाद्य समस्या या शायद दुनिया की समस्या खाने की कमी के कारण नहीं है, 'वास्तव में यह खाने का असमान वितरण है।' 
 
इस कहानी के सीनेट न्यूज वेबसाइट पर आने के बाद हजारों की संख्या में उनसे सम्पर्क किया और वे चाहते हैं कि इस काम को आगे बढ़ाया जाए। डेली न्यूज से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतने ज्यादा लोग मदद के लिए आगे आएंगे। नैरोबी, बैंगलोर और हांग कांग से लोगों ने उन्हें लिखा कि वे कैसे इस काम को अपने शहर और देश में फैला सकते हैं।' फीडिंग फॉरवर्ड एप को वर्तमान में और बेहतर बनाने का काम चल रहा है लेकिन यह अगस्त से फिर उपलब्ध हो जाएगा।
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