क्या है Elon Musk का Starlink Plan? कैसे करता है ये काम

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हाल ही में न्यूयॉर्क में स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान एलोन मस्क ने भारत में स्टारलिंक लाने की बात कही है।  एलन  मस्क ने कहा कि 'हम स्टारलिंक को भारत में लाने का विचार कर रहे हैं। स्टारलिंक इंटरनेट भारत के गांव और रिमोट एरिया में काफी उपयोगी हो सकता है।' पर सवाल यह है कि आखिर स्टारलिंक टेक्नोलॉजी क्या है और यह कैसे काम करती है? चलिए जानते हैं इससे जुड़ी सारी जानकारी के बारे में...
 
क्या है स्टारलिंक और यह कैसे काम करता है?
स्टारलिंक एक प्रकार की इंटरनेट टेक्नोलॉजी है जो सैटेलाइट की मदद से इंटरनेट सर्विस प्रदान करती है। दरअसल भारत में इंटरनेट केबल टेक्नोलॉजी की मदद से शेयर होता है। केबल टेक्नोलॉजी में इंटरनेट डाटा संचारित करने के लिए फाइबर ऑप्टिक्स को इस्तेमाल किया जाता है। पर सैटेलाइट सिस्टम में रेडियो सिग्नल की मदद से इंटरनेट प्रोवाइड किया जाता है।

ग्राउंड स्टेशन ब्रॉडकास्ट में सैटेलाइट को सिग्नल प्रसारित करते हैं जो बदले में डेटा को पृथ्वी पर स्टारलिंक यूज़र को वापस भेज देते हैं। स्टारलिंक तारामंडल के प्रत्येक सैटेलाइट का वजन 573 पाउंड है और इसकी बॉडी फ्लैट है। स्टारलिंक टेक्नोलॉजी का मकसद दुनिया भर में कम समय में हाई स्पीड इंटरनेट डेटा प्रदान करना है। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से ग्रामीण और रिमोट एरिया में भी इंटरनेट पहुंच सकता है।
 
स्टारलिंक से जुडी कुछ खास बातें

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