एसएमएस बनेंगे सरकारी दस्तावेज

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नई दिल्ली। अब तक सरकारी विभागों में अखबारों की प्रति या कोई लिखि‍त पेपर ही सरकारी दस्तावेज बनते थे और उसे एक फाइल में बंद कर रख दिया जाता था जिसको दीमक चट कर जाते थे। केंद्र सरकार ने इन झंझटों से बचने के लिए 2014 में लोगों के लिए अनोखा तोहफा दिया है।

केंद्र सरकार ने सरकारी विभागों से मिलने वाले दस्तावेजों के अलावा विभागों से मिलने वाले एसएमएस को भी दस्तावेज मान लिया है। सरकार ने सोमवार को इसके लिए 241 एप्लीकेशन वाला एक प्लेटफॉर्म बनाया। इसके लिए 100 विभागों को मोबाइल एसएमएस से जोड़ा गया है। केंद्र सरकार ने इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में शुरू किया है।

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सरकार के अनुसार इसमें आरटीआई, स्वास्थ, आधार, शि‍क्षा, बिजली व टेलीफोन का बिल सहित 100 महत्वपूर्ण विभागों को जोड़ा गया है। इस प्रणाली की शुरुआत करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स तथा आईटी विभाग के सचिव जे. सत्यनारायण का कहना है कि इसे रेलवे की एसएमएस सेवा को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है जिसमें किसी भी विभाग से जुडे़ मोबाइल पर ट्रांजेक्शन रिपोर्ट का एसएमएस दस्तावेज के रूप में दिखाने पर उसे वैध माना जाएगा।

जे. सत्यनारायण का कहना है कि मोबाइल और ई-गवर्नेंस के जरिए लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए इस व्यवस्था को शुरू किया जा रहा है, वहीं आईटी विभाग के संयुक्त सचिव राजेन्द्र कुमार का कहना है कि विभाग मोबाइल फोन के लिए डिजिटल हस्ताक्षर के साथ तैयार है। (एजेंसियां)
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