वॉशिंगटन। चीन की सरकार से संबद्ध हैकर अमेरिकी एयरलाइंस, प्रौद्योगिकी कंपनियों और सैन्य गतिविधियों एवं उपकरणों के लिए अनुबंध पर काम करने वाली कंपनियों की कम्प्यूटर प्रणाली में लगातार सेंध लगा रहे हैं।
अमेरिकी सीनेट की एक समिति ने 1 वर्ष तक चली जांच के बाद गत मार्च में यह पता लगाया कि चीन के हैकर अमेरिकी कम्प्यूटर प्रणाली को लगातार निशाना बना रहे हैं। समिति ने बुधवार को यह जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी सेना की परिवहन कमान 'ट्रांसकॉम' की कम्प्यूटर प्रणाली में 1 वर्ष के दौरान कम से कम 20 बार सेंध लगाई गई, लेकिन उसे केवल 2 बार इसका पता चल सका।
समिति ने यह खुलासा भी किया है कि अमेरिकी संरकार के संस्थानों के बीच आपसी तालमेल का अभाव है। ऐसे में अमेरिकी सेना के लिए अनुबंध पर काम करने वाली कंपनियों की कम्प्यूटर प्रणाली में क्या समस्या आ रही है, इसका सेना को पता नहीं चल पाता।
कमेटी के चेयरमैन एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद कार्ल लेविन ने कहा कि शांतिकाल के दौरान सेना के लिए काम करने वाली कंपनियों की कम्प्यूटर प्रणाली में इस तरह की घुसपैठ से साइबर स्पेस में चीन की आक्रामक कार्रवाई साफ जाहिर है।
इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने गुरुवार को बीजिंग में कहा कि न तो सरकार और न ही सेना हैकिंग को समर्थन देती है।
उन्होंने अमेरिका पर पलटवार करते हुए कहा कि वास्तव में अमेरिका साइबर अपराध का दोषी है। ऐसे में अमेरिका की ओर से चीन की आलोचना बेबुनियाद और गलत मंशा से की जा रही है। (वार्ता)