Biodata Maker

पुरी में जगन्नाथ से भी बड़ा है रावण की कुलदेवी का ये स्थान, जरूर करें दर्शन

WD Feature Desk
मंगलवार, 17 जून 2025 (13:15 IST)
vimala devi mandir: हिंदू धर्म के चार धामों में से एक जगन्नाथ धाम में भगवान श्रीकृष्‍ण अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का साथ विराजमान है। वैसे इस मंदिर की कथा सतयुग के राजा इंद्रद्युम्न से जुड़ी है। उस दौर से लेकर द्वापर युग तक मंदिर में विष्णु का स्वरूप नीलमाधव की पूजा की जाती रही है। जगन्नाथ धाम ओड़िसा के पुरी क्षेत्र में स्थित है जिसे पुरुषोत्तम क्षेत्र और विरजा क्षेत्र भी कहते हैं। इसे श्रीक्षेत्र, श्रीपुरुषोत्तम क्षेत्र, शाक क्षेत्र, नीलांचल, नीलगिरि और श्री जगन्नाथ पुरी भी कहते हैं। 
 
रावण से संबध: स्थानीय मान्यता के अनुसार यहां की सबसे बड़ी शक्ति माता विमला देवी है, जो रावण की कुलदेवी मानी गई है। यही देवी संपूर्ण जगन्नाथ क्षेत्र की रक्षा करती है। इन देवी की आज्ञा से ही सभी कार्य होते हैं। यह यहां की रक्षक देवी हैं। इन्हें योगमाया और परमेश्वरी कहा जाता है। जगन्नाथ से पहले से ही वे यहां विराजमान हैं। इसे पहला आदिशक्ती पीठ कहा जाता है। तंत्र और मंत्र की अधिश्‍वरी देवी वही है। माया और छाया उन्हीं के कंट्रोल में रहती है। यह तंत्र का सेंटर है। रामायण के उत्तरकाण्ड के अनुसार भगवान राम ने रावण के भाई विभीषण को अपने इक्ष्वाकु वंश के कुल देवता भगवान जगन्नाथ की आराधना करने को कहा था। आज भी पुरी के श्री मंदिर में विभीषण वंदापना की परंपरा कायम है।
 
देवी विमला शक्तिपीठ:
सबसे प्राचीन मत्स्य पुराण में लिखा है कि पुरुषोत्तम क्षेत्र की देवी विमला है और यहां उनकी पूजा होती है। भारतीय प्रदेश उड़ीसा के विराज में उत्कल स्थित जगह पर माता की नाभि गिरी थी। इसकी शक्ति है विमला और शिव को जगन्नाथ कहते हैं।
 
'उल्कले नाभिदेशस्तु विरजाक्षेत्रनुच्यते। विमला सा महादेवी जगन्नाथस्तु भैरवः॥'- तंत्र चूड़ामणि, पीठनिर्णय, अध्याय 4
इस स्थान पर सती की 'नाभि' का निपात हुआ था। जबकि कुछ विद्वान 'पूर्णागिरि' में नाभि का निपात मानते हैं।
 
'गंगायां मंगला नाम विमला पुरुषोत्तमे।- मत्स्यपुराण-13/35
'गंगायां मंगला प्रोक्ता विमला पुरुषोत्तमे॥- श्रीमद्देवी भागवत-7/30/64
कुछ विद्वान इसको 'जगन्नाथपुरी' में भगवान श्री जगन्नाथजी के मंदिर के प्रांगण में स्थित भैरव 'जगन्नाथ' को पीठ मानते हैं। जगन्नाथ को पुरुषोत्तम क्षेत्र मानते हैं। यहाi की शक्ति 'विमला' तथा भैरव 'जगन्नाथ पुरुषोत्तम' हैं।
 
विरजा और विमला अलग अलग हैं या एक इसको लेकर मतभेद हैं। ओड़ियास के समुद्री तट पर स्थित पुरी के जगन्नाथ मंदिर पहुंचने के लिए किसी भी मार्ग से पहुंचा जा सकता है। विमला शक्तिपीठ जगन्नाथ मंदिर के दक्षिण-पश्चिमी कोने में पूर्व की ओर स्थित है। मार्कण्डेय तालाब के पास पुरी में एक सप्त मातृका मंदिर भी मौजूद है। कुछ लोग इसे शक्तिपीठ कहते हैं, लेकिन, विमला मंदिर मूल है। कुछ लोग इसे विराज शक्ति पीठ भी कहते हैं, जो उड़ीसा के जाजपुर में स्थित है।
 
इस मंदिर का सबसे पहला प्रमाण महाभारत के वनपर्व में मिलता है। कहा जाता है कि सबसे पहले सबर आदिवासी विश्‍ववसु ने नीलमाधव के रूप में इनकी पूजा की थी। आज भी पुरी के मंदिरों में कई सेवक हैं जिन्हें दैतापति के नाम से जाना जाता है। ब्रह्म और स्कंद पुराण के अनुसार यहां भगवान विष्णु 'पुरुषोत्तम नीलमाधव' के रूप में अवतरित हुए और सबर जनजाति के परम पूज्य देवता बन गए। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

November 2025 Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 24-30 नवंबर, इस सप्ताह किन राशियों को मिलेगी बड़ी सफलता, जानें अपना भाग्य

Mulank 5: मूलांक 5 के लिए कैसा रहेगा साल 2026 का भविष्य?

Lal Kitab Kanya Rashifal 2026: कन्या राशि (Virgo)- राहु करेगा संकट दूर, गुरु करेगा मनोकामना पूर्ण

Shani Margi 2025: 28 नवंबर 2025 को शनि चलेंगे मार्गी चाल, 3 राशियों को कर देंगे मालामाल

Baba Vanga Prediction 2026: बाबा वेंगा की वर्ष 2026 के लिए 5 प्रमुख भविष्यवाणियां

सभी देखें

धर्म संसार

27 November Birthday: आपको 27 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 27 नवंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

Shani margi gochar 2025: शनि का मीन राशि में मार्गी गोचर, 5 राशियों को मिलेगी राहत

Panchak November 2025: नवंबर 2025 में कब से कब तक है पंचक, जानें समय और प्रभाव

बुध ग्रह का वृश्‍चिक राशि में मार्गी गोचर 12 राशियों का राशिफल

अगला लेख