What is Mahavir Janmavachan: महावीर जन्मवाचन जैन धर्म का एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक दिवस है जिसे भगवान महावीर स्वामी के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। यह पर्व श्वेतांबर जैन समाज द्वारा विशेष रूप से पर्युषण महापर्व के दौरान मनाया जाता है, आमतौर पर पर्युषण के पांचवें दिन पर।
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महावीर जन्मवाचन श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण महापर्व का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन होता है। यह पर्व के दौरान मनाया जाने वाला एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जो भगवान महावीर के जन्म से जुड़ा हुआ है।
क्या है महावीर जन्मवाचन : महावीर जन्मवाचन का अर्थ है 'भगवान महावीर के जन्म का वाचन'। यह कोई जयंती नहीं है, बल्कि पर्युषण के दौरान कल्पसूत्र ग्रंथ का वाचन किया जाता है जिसमें भगवान महावीर के जन्म का वर्णन है। इस दिन मंदिरों और जैन स्थानकों में विशेष आयोजन किए जाते हैं, जहां जैन साधु और साध्वी माता त्रिशला द्वारा देखे गए शुभ सपनों का अर्थ बताते हैं। इन सपनों को अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि ये दर्शाते हैं कि एक तीर्थंकर का जन्म होने वाला है।
1. ज्ञान और शिक्षा का स्मरण: यह दिन भगवान महावीर के जन्म की गाथा को याद करने के लिए मनाया जाता है। उनके जन्म की कथा को सुनकर श्रद्धालु उनके जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हैं।
2. धार्मिक आस्था को मजबूत करना: यह उत्सव जैनियों की आस्था को और भी मजबूत करता है। यह उन्हें बताता है कि कैसे भगवान महावीर ने एक राजकुमार का जीवन छोड़कर सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर मोक्ष प्राप्त किया।
3. आध्यात्मिक शुद्धि: पर्युषण का मुख्य उद्देश्य आत्मशुद्धि है। जन्मवाचन का आयोजन इस प्रक्रिया का एक हिस्सा है, जहां भक्त भगवान महावीर के जीवन को समझकर अपने जीवन में उनके सिद्धांतों को उतारने का प्रयास करते हैं।
4. सामुदायिक उत्सव: यह एक सामुदायिक उत्सव है जिसमें जैन समाज के लोग एकसाथ मिलकर इस पवित्र घटना का स्मरण करते हैं। इस दिन कई लोग उपवास भी करते हैं और शाम को विशेष आरती का आयोजन होता है।
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