क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुणसागरजी का जीवन परिचय

राजश्री कासलीवाल
क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुणसागरजी का असली नाम पवन कुमार जैन है। अपने कड़वे प्रवचन के कारण ही उन्‍हें 'क्रांतिकारी संत' कहा जाता है। आइए जानते हैं मुनिश्री तरुणसागरजी महाराज का जीवन परिचय- 
 
मुनिश्री तरुणसागरजी का परिचय 
 
पूर्व नाम- पवन कुमार जैन
माता-पिता- श्रीमती शांतिबाई जैन एवं प्रताप चन्द्र जैन
जन्म तिथि- 26 जून 1967 
जन्म स्थान- ग्राम गुहजी, जि. दमोह (मप्र)
लौकिक शिक्षा- माध्यमिक शाला तक
गृहत्याग- 8 मार्च 1981 
क्षुलल्क दीक्षा- 18 जनवरी 1982, अकलतरा (छत्तीसगढ़)
मुनि दीक्षा- 20 जुलाई 1988, बागीदौरा (राज.) 
दीक्षा गुरु- आचार्य मुनिश्री पुष्पदंतसागरजी महाराज
लेखन- हिन्दी
बहुचर्चित कृति- मृत्युबोध
मानद उपाधि- प्रज्ञा श्रमण आचार्यश्री पुष्पदंत सागरजी द्वारा प्रदत
मुख्य पत्र- अहिंसा महाकुंभ (मासिक)
दिल्ली के लाल किले से संबोधन देने वाले राष्ट्र के प्रथम मुनि। 
1. सम्मान- 6 फरवरी 2002 को मप्र शासन द्वारा 'राजकीय अतिथि' का दर्जा। 
2. सम्मान- 2 मार्च 2003 को गुजरात सरकार द्वारा 'राजकीय अतिथि' का सम्मान।
राष्ट्रसंत- मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 26 जनवरी 2003 को दशहरा मैदान, इंदौर में
जीवन जीने की कला का प्रशिक्षण देने में महारत।
साहित्य- 3 दर्जन से अधिक पुस्तकें उपलब्ध और उनकी हर वर्ष लगभग 2 लाख प्रतियों का प्रकाशन।
संगठन- तरुण क्रांति मंच, केंद्रीय कार्यालय दिल्ली, देशभर में इकाइयां
प्रणेता- 'आनंद यात्रा' कार्यक्रम के प्रणेता, तनाव मुक्ति का अभिनव प्रयोग
मिशन- भगवान महावीर और उनके संदेश 'जियो और जीने दो' का विश्वव्यापी प्रचार एवं प्रसार। 
पहचान- देश में सर्वाधिक सुने और पढ़े जाने वाले तथा दिल और दिमाग को झकझोर देने वाले अद्‍भुत प्रवचनों की श्रृंखला में कई किताबों का प्रकाशन 
आंदोलन- कत्लखानों और मांस निर्यात के विरोध में निरंतर अहिंसात्मक राष्ट्रीय आंदोलन। 
 
भारत सहित 122 देशों में जी टीवी के माध्यम से 'महावीर वाणी' के विश्वव्यापी प्रसारण की ऐतिहासिक शुरुआत करने का प्रथम श्रेय मुनिश्री को ही दिया जाता है तथा अपने सत्य प्रवचन की शैली के लिए जैन मुनि के रूप में विख्यात हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2025 में अब कब बन रहे हैं युद्ध के योग?

8 वर्षों तक बृहस्पति करेंगे अतिचारी गोचर, क्या होगा इन आठ वर्षों में?

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

राक्षसों के नाम पर रखे हैं भारत के इन शहरों के नाम, जानिए कौनसे हैं ये शहर

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: 17 मई का विशेष भविष्यफल आपकी राशि के लिए (पढ़ें 12 राशियां)

17 मई 2025 : आपका जन्मदिन

17 मई 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

पाकिस्तान में क्यों सर्च हो रहे हैं प्रेमानंद महाराज, जानिए उनके बारे में क्या जानना चाहते हैं पाकिस्तानी

ज्येष्ठ मास की अमावस्या और पूर्णिका के दिन इन 3 पेड़-पौधों की पूजा करने से मिलेगा मनचाहा वरदान

अगला लेख