श्रीनगर के पास ग्रेनेड हमले में घायल हुई 45 वर्षीय महिला ने श्रीनगर के अस्पताल में दम तोड़ा

आबिदा उर्फ सुमैया के छोटे बच्चे अपनी मां की मौत से अनजान

सुरेश एस डुग्गर
बुधवार, 13 नवंबर 2024 (11:48 IST)
Grenade attack: बांडीपोरा जिले के सुंबल के नायदखाई इलाके में रहने वाली आबिदा (Abida), जिसे प्यार से सुमैया कहा जाता है, के घर तक जाने वाली एक गंदी गली एक भयावह तस्वीर पेश करती है। हर आंख नम है और हर आत्मा गहरे सदमे में है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि 3 नवंबर को टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर (टीआरसी) श्रीनगर के पास ग्रेनेड हमले (Grenade attack) में घायल हुई 45 वर्षीय महिला ने श्रीनगर के अस्पताल में दम तोड़ दिया।ALSO READ: Srinagar Grenade Attack : लगातार दूसरे दिन आतंकी हमला, श्रीनगर में संडे बाजार में ग्रेनेड हमले में 12 घायल
 
गंभीर चोटों के कारण हुई मौत : एसएमएचएस अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि 3 नवंबर को टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर (टीआरसी) के पास ग्रेनेड हमले में घायल हुई 45 वर्षीय महिला आबिदा ने कल मंगलवार को दम तोड़ दिया। उसकी पहचान आबिदा उर्फ सुमैया (45) पत्नी जुबैर अहमद लोन निवासी नायद खाई सुंबल, बांडीपोरा के रूप में हुई है। वह घायलों में से एक थी और एसएमएचएस अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था लेकिन गंभीर चोटों के कारण उसकी मौत हो गई।ALSO READ: श्रीनगर में भीड़ भरे बाजार में बड़ा ग्रेनेड हमला, क्या बोले उमर अब्दुल्ला
 
3 मासूम बच्चे हैं आबिदा के : उसकी मौत के बाद उसके गांव और मुहल्ले में यहां हर किसी की आंखों में आंसू आ जाते हैं। आबिदा के 3 बच्चे हैं। एक 6 साल की बेटी, एक 7 साल का उसका पहला भाई और एक छोटा बेटा 5 साल का। 3 नवंबर को आबिदा अपने बच्चों के लिए सर्दियों के कपड़े खरीदने के लिए साप्ताहिक रविवार बाजार श्रीनगर गई थी लेकिन उसे नहीं पता था कि वह घर वापस मृत अवस्था में लौटेगी। ग्रेनेड विस्फोट में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी और कल दोपहर एसएमएचएस अस्पताल में उसने जीवन की जंग हार गई।
 
बच्चे मां की मौत से अनजान : इन भाई-बहनों को अपनी मां की मौत के बारे में पता नहीं है। सबसे बड़ा बेटा अपने चाचा से पूछता है कि हमारे घर इतने सारे लोग क्यों आ रहे हैं? चाचा उन्हें सांत्वना देने की कोशिश करते हैं। जब गांव के लोग बड़ी संख्या में आबिदा के घर के बाहर इकट्ठा होते हैं तो सबसे बड़ा बच्चा कहता है कि मेरी मम्मी मेरे और मेरे छोटे भाई-बहनों के लिए कपड़े खरीदने के लिए रविवार के बाजार गई हैं। उन्होंने मुझे सर्दियों के लिए नीले रंग की जैकेट और लंबे जूते देने का वादा किया था।ALSO READ: जम्मू-कश्मीर में 2 आतंकी गिरफ्तार, 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल बरामद, बना रखी थी खौफनाक प्लानिंग
 
गांव की महिलाएं रोते-बिलखते तीनों भाई-बहनों को बार-बार गले लगाती हैं, लेकिन इन बच्चों को यह नहीं पता कि उनकी मां अब नहीं रहीं। जब गांव वालों ने मृतक आबिदा के घर पर पानी भर दिया तो इन बदकिस्मत बच्चों के रिश्तेदारों को उनके एक मंजिला घर से दूर ले जाया गया ताकि वे अपनी मां को मृत हुआ देखकर सदमे से दूर रहें। एक रोती हुई महिला ने पत्रकारों से कहा कि ये बच्चे मौत का मतलब समझने के लिए बहुत छोटे हैं। जानकारी के लिए हमले में शामिल होने के आरोप में लश्कर-ए-तैयबा के 3 सहयोगियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।ALSO READ: पुंछ में सरकारी इमारत में ग्रेनेड मिलने से मचा हड़कंप, पुलिस ने की इलाके की घेराबंदी
 
Edited by: Ravindra Gupta

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