सब इंस्पेक्टर के घर किराए से रहता था परफ्यूम बम वाला आतंकी, महंगा पड़ा जानकारी छुपाना

सुरेश एस डुग्गर
शनिवार, 4 फ़रवरी 2023 (12:47 IST)
जम्मू। जम्मू पुलिस ने आईपीसी की धारा 188 के तहत बठिंडी में रहने वाले जम्मू कश्मीर पुलिस के उस सब इंस्पेक्टर मुहम्मद हनीफ के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिसने अध्यापक से आतंकी बने मुहम्मद आरिक शेख को अपने घर पर किराएदार के तौर पर तो रखा था पर उसका सत्यापन नहीं करवाया था। इसी आतंकी के पास से परफ्यूम बम बरामद किया गया था।
 
मुहम्मद आरिफ शेख इस सब इंस्पेक्टर के घर पर अपनी पत्नी और अढ़ाई साल के बच्चे के साथ रह रहा था। जम्मू में यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें पुलिस ने किराएदारों का सत्यपान न करवाने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया हो बल्कि गणतंत्र दिवस से पहले ऐसे 40 मकान मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं जिन्होंने जम्मू के उपायुक्त के निर्देशों का उल्लंघन किया था।
 
 
पुलिस के मुताबिक, गणतंत्र दिवस से पहले जम्मू में पुलिस ने 10000 किरायेदारों की पहचान सत्यापित की और 40 मकान मालिकों के खिलाफ किरायेदारों का विवरण दे पाने में विफल रहने पर एफआईआर दर्ज की है। दरअसल इस साल 11 जनवरी को जम्मू के उपायुक्त द्वारा पुलिस के निवेदन पर एक बार फिर जम्मू में रह रहे किराएदारों का सत्यापन करवाने और तीन दिनों के भीतर ऐसा न करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी।
 
इस आदेश के बाद पुलिस ने शहर के कई इलाकों में लोगों से पूछताछ भी की है। शहर में दो साल में भी इतनी एफआईआर दर्ज नहीं हुई हैं। इसके बाद सिर्फ जम्मू शहर में ही एक महीने में 10000 किरायेदारों का सत्यापन हुआ है।
 
इससे पता चलता है कि शहर में 10 हजार किराएदार बिना सत्यापन के रह रहे थे। एसएसपी जम्मू ने डीसी से सिफारिश की थी कि तीन दिन में सत्यापन कराने का आदेश जारी करें। पुलिस के पास इनपुट हैं कि किरायेदारों की आड़ में ओजी वर्कर, अपराधी पनाह लेकर रह रहे हैं। लिहाजा कार्रवाई करने की जरूरत है।
 
इतना जरूर था कि ताजा आदेश की सच्चाई यह थी कि पिछले 8 सालों के दौरान पुलिस और प्रशासन द्वारा ऐसे कितने आदेश निकाले जा चुके थे अब दोनों को भी शायद याद नहीं हैं। अगर देखा जाए तो साल में दो से तीन बार ऐसा आदेश निकाला जाता रहा है। पर किराएदारों के सत्यापन करवाने वालों का आंकड़ा एक से दो परसेंट से आगे ही नहीं बढ़ पाया था। दरअसल ऐसा न कर पाने वालों पर भारतीय संविधान की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जो चेतावनी दी गई है उसमें अधिकतम जुर्माना 200 रूपया है।
 
जम्मू में किराएदारों का सत्यापन करने की आवश्यकता पुलिस ने वर्ष 2014 में उस समय महसूस की थी जब एक आतंकी कमांडर अब्दुल्ला कारी शहर के बीचोंबीच जानीपुर इलाके में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। वह उस मकान में कई महीनों से किराए पर रह रहा था।
 
सिर्फ अब्दुल्ला कारी ही नहीं बल्कि उसके बाद के वर्षों में भी किराएदारों के तौर पर रह रहे कई आतंकी मारे गए। कई आतंकी पकड़े गए और कई ओवर ग्राउंड वर्कर भी दबोचे गए। हर घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने किराएदारों के सत्यपान करवाने का फरमान तो जारी किया पर डिफाल्टरों के विरूद्ध कोई कार्रवाई न होने के कारण ही मकान मालिकों ने इसे बहुत ही हल्के तौर पर लिया।
Edited by : Nrapendra Gupta  

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