कृष्ण जन्माष्टमी : मातृत्व का संदेश...

Webdunia
- संजय वर्मा 'दृष्टि'


 

भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण की जयंती मनाई जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी में मटकीफोड़ कार्यक्रम होता है। पूरे देशभर में इस दिन कार्यक्रम होते हैं किंतु वृंदावन तथा मथुरा में जन्माष्टमी के पर्व की बात ही कुछ और रहती है। कृष्ण की लीलाओं का वर्णन प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। मातृत्व की भावना का पक्ष भी कुछ इस तरह मिलता है - 
 
श्रीमद् भागवत के 6ठे अध्याय में बताया गया है कि पूतना नामक क्रूर राक्षसी ने बालक श्रीकृष्ण को मारने हेतु अपनी गोद में लेकर उनके मुंह में अपना स्तन दे दिया जिसमें बड़ा भयंकर और किसी प्रकार न पच सकने वाला विष लगा हुआ था। निशाचरी पूतना को स्तनों में इतनी पीड़ा हुई कि वह अपने को छिपा न सकी, राक्षसी रूप में प्रकट हो गई। उसके शरीर से प्राण निकल गए, मुंह फट गया, बाल बिखर गए और हाथ-पांव फैल गए। पूतना के भयंकर शरीर को सबके सब ग्वाल और गोपियों ने देखा कि बालक श्रीकृष्ण उसकी छाती पर निर्भय होकर खेल रहे हैं, तब वे थोड़ी घबराईं और श्रीकृष्ण को उठा लिया। 
 
जिस तरह वर्तमान में माताएं अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए टोने-टोटके, प्रार्थना आदि रक्षास्वरूप करती हैं, ठीक उसी तरह प्राचीन समय में भी रक्षास्वरूप उपाय किए जाते थे जिसमें ममत्व की झलक विद्यमान होती थी। यशोदा और रोहिणी के साथ गोपियों ने गाय की पूंछ घुमाना आदि उपायों से बालक श्रीकृष्ण के अंगों की सब प्रकार से रक्षा की। 
 
पूतना एक राक्षसी थी जिसके स्तन का दूध भगवान ने बड़े प्रेम से पिया। उन गायों और माताओं की बात ही क्या है, वे भगवान श्रीकृष्ण को अपने पुत्र के रूप देखती थीं, फिर जन्म-मृत्युरूपी संसार के चक्र में कभी नहीं पड़ सकतीं। पूतना को परमगति प्राप्त होना यानी पूतना-मोक्ष भी मातृत्व का संदेश है।
 
 
Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

Aaj Ka Rashifal: 18 मई का दिन क्या लाया है आपके लिए, पढ़ें अपनी राशि

Chinnamasta jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है छिन्नमस्ता जयंती, कब है और जानिए महत्व

18 मई 2024 : आपका जन्मदिन

18 मई 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Maa lakshmi beej mantra : मां लक्ष्मी का बीज मंत्र कौनसा है, कितनी बार जपना चाहिए?