जन्माष्टमी पर करें श्री कृष्ण अष्टकम् का पाठ, मिलेगा शुभाशीष

Webdunia
Janmashtami 2020
 
 
 
 
कृष्ण अष्टकम्
 
चतुर्मुखादि-संस्तुं समस्तसात्वतानुतम्‌।
हलायुधादि-संयुतं नमामि राधिकाधिपम्‌॥1॥
 
बकादि-दैत्यकालकं स-गोप-गोपिपालकम्‌।
मनोहरासितालकं नमामि राधिकाधिपम्‌॥2॥
 
सुरेन्द्रगर्वभंजनं विरंचि-मोह-भंजनम्‌।
व्रजांगनानुरंजनं नमामि राधिकाधिपम्‌॥3॥
 
मयूरपिच्छमण्डनं गजेन्द्र-दन्त-खण्डनम्‌।
नृशंसकंशदण्डनं नमामि राधिकाधिपम्‌॥4॥
 
प्रसन्नविप्रदारकं सुदामधामकारकम्‌।
सुरद्रुमापहारकं नमामि राधिकाधिपम्‌॥5॥
 
धनंजयाजयावहं महाचमूक्षयावहम्‌।
पितामहव्यथापहं नमामि राधिकाधिपम्‌॥6॥
 
मुनीन्द्रशापकारणं यदुप्रजापहारणम्‌।
धराभरावतारणं नमामि राधिकाधिपम्‌॥7॥
 
सुवृक्षमूलशायिनं मृगारिमोक्षदायिनम्‌।
स्वकीयधाममायिनं नमामि राधिकाधिपम्‌॥8॥
 
इदं समाहितो हितं वराष्टकं सदा मुदा।
जपंजनो जनुर्जरादितो द्रुतं प्रमुच्यते॥9॥
 
॥ इति श्रीपरमहंसब्रह्मानन्दविरचितं कृष्णाष्टकं सम्पूर्णम्‌ ॥

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सावन मास में कितने और कब कब प्रदोष के व्रत रहेंगे, जानिए महत्व और 3 फायदे

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर, 3 राशियों के लिए होगी धन की वर्षा

देवशयनी एकादशी पर करें इस तरह से माता तुलसी की पूजा, मिलेगा आशीर्वाद

sawan somwar 2025: सावन सोमवार के व्रत के दौरान 18 चीजें खा सकते हैं?

एक्सीडेंट और दुर्घटनाओं से बचा सकता है ये चमत्कारी मंत्र, हर रोज घर से निकलने से पहले करें सिर्फ 11 बार जाप

सभी देखें

धर्म संसार

श्री शिव मंगला अष्टक | sri shiva mangalashtakam

भविष्य मालिका की भविष्यवाणी के अनुसार तीसरा विश्‍व युद्ध कब होगा, भारत में लगेगा मिलिट्री शासन?

सावन सोमवार से संबंधित आरती चालीसा सहित महत्वपूर्ण जानकारी

अमरनाथ यात्रा शुरू, बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से पहला जत्था रवाना

आषाढ़ अष्टाह्निका विधान क्या है, क्यों मनाया जाता है जैन धर्म में यह पर्व

अगला लेख