शत्रु से हैं परेशान तो जरूर पढ़ें श्री हनुमान जी का यह दुर्लभ मंत्र

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बजरंगबली जपे और शत्रु पीड़ा कटे। श्रीराम दूत पवनसुत हनुमान के स्मरण मात्र से संकटों का निवारण होता है। यदि शत्रु संकट निवारण करना हो या वियजश्री की अभिलाषा हो तो जपें यह मंत्र : 






'पूर्व कपि मुखाय पंचमुख हनुमते टं टं टं टं सकल शत्रु संहारणाय स्वाहा।।'  

इस मंत्र का पंचमुखी हनुमानजी के मंदिर या चित्र के समक्ष हनुमान जयंती पर जप करें तथा गुग्गुल (गुगल) की धूप दें। 

* यदि गंभीर संकट या शत्रु से अधिक पीड़ा हो तो हनुमान जयंती से 8 दिन तक 27 हजार जप कर आठवें दिन रात्रि में सरसों का हवन करें। 

* इसी मंत्र को बोलते हुए 'स्वाहा' के साथ सरसों की आहुतियां दें। इसमें 270 आहुतियां देना आवश्यक है। 


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