अति दुर्लभ है यह पंचमुखी हनुमान आरती

Webdunia
श्री नारायण जी व्यास कृत 
प्रस्तुति :राजशेखर व्यास 
'श्री पंचमुखी महाभगवद्धनुमदारती'
1.
 
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
प्रथमहि वानर वदन विराजे।।2।।
छबि बल काम कोट तंहराजे।।2।।
पशुपति शंभु भवेश समाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
अतुलित बल तनु तेज विराजे।।2।।
रवि शशि कोट तेज छवि राजे।।2।।
रघुवर भक्त लसत तपखाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
अञ्जनि पुत्र पवन सुत राजे।।2।।
महिमा शेष कोटि कहि राजे।।2।।
रघुवर लक्ष्मण करत बखाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
दिग मंडल यश वृन्द विराजे।।2।।
अद्भुत रूप राम वर काजे।।2।।
तनुधर पंचमुखी हनुमाना।।3।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
भक्त शिरोमणि राज विराजे।।2।।
भक्त हृदय मानस वर राजे।।2।।
ईश्वर अव्यय आद्य समाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
 
दूसर मुख नरहरी1 विराजे।।2।।
शोभा धाम भक्त किय राजे।।2।।
अनुपम ब्रह्मरूप भगवाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
1. सिंह, 
 
3. 
 
तीसर तनखग`1 राज विराजे।।2।।
महिमा वेद बखानत राजे।।2।।
हनुमत अच्युत हरि सुखखाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
4. 
 
सूर्यरूप वाराह`2 विराजे।।2।।
वेद तत्व परमेश्वर राजे।।2।।
जय दाता भिलषित वर दाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
5.
 
ऊर्ध्व हयानन3 राज विराजे।।2।।
सद्ज्ञानाग्र वरद विभुराजे।।2।।
धन्य-धन्य दरशन भगवाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
सर्वाभरण विचित्र विराजे।।2।।
कुण्डल मुकुट विभूषण राजे।।2।।
दशकर पंकज आयुध माना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
दिव्य वदनतिथि नयन विराजे।।2।।
शब सुन्दर आसन विधि राजे।।2।।
युगल चरण नखद्युति हरखाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
महाराज शुभ धाम विराजे।।2।।
रोम-रोम रघुराज विराजे।।2।।
मनहर सुखकर गात निधाना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
जय दायक वरदायक माना।।1।।
जय-जय पंचमुखी हनुमाना।।3।।
 
1. गरूड़, 2. शूकर, 3. अश्व
 
6.
 
।। कर्पूर गौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्र हारम् ।।
 
।। सदा वसंतं हृदयार विन्दे
भवं भवानी सहितं नमामि ।।1।। 
 
।। श्री पंचवक्त्रं रघुराज दूतम् ।।
वैदेहि भक्तं कपिराज मित्रम् ।।
 
।। सदा वसन्तं प्रभुलक्ष्मणाग्रे।।
कपिं च सीताप्त वरं नमामि ।।2।।
 
।। श्रीराम दूतं करुणावतारम् ।। 
।। संसार सारं भुजगेन्द्र हारम् ।। 
 
।। सदा वसन्तं प्रभुलक्ष्मणाग्रे।।
।। कपि प्रभक्तया साहितं नमामि ।।3।। 
 
।। त्वमेव माता च पिता त्वमेव ।।
।। त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।।
 
।। त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव ।।
।। त्वमेव सर्वं मम देव देव ।।4।।
 
।। कायेन वाचा मनसोन्द्रियैर्वा ।। 
।। बुध्यात्मना वा प्रकृति स्वभावात् ।। 
 
।। करोमि यद्यत्सकलं परस्मै ।।
।। नारायणायेति समर्पयामि ।।5।।
 
।। ''जय-2 जय-2 राजा राम'' ।। 
।। ''पतित पावन सीताराम'' ।।5।।
 
''आरार्तिकं समर्पयामि'' 
शीतलीकरणम।।
असिक्तोद्धरणम्।। 
 
साभार : जयति जय उज्जयिनी 
------------------------------------------------
Show comments

Astrology: कब मिलेगा भवन और वाहन सुख, जानें 5 खास बातें और 12 उपाय

अब कब लगने वाले हैं चंद्र और सूर्य ग्रहण, जानिये डेट एवं टाइम

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में क्या होगा देश और दुनिया का भविष्य?

Jupiter Transit 2024 : वृषभ राशि में आएंगे देवगुरु बृहस्पति, जानें 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव

Hast rekha gyan: हस्तरेखा में हाथों की ये लकीर बताती है कि आप भाग्यशाली हैं या नहीं

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru Shukra ki yuti: 12 साल बाद मेष राशि में बना गजलक्ष्मी राजयोग योग, 4 राशियों को मिलेगा गजब का लाभ

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय और शुभ मुहूर्त जानिए

Aaj Ka Rashifal: आज कैसा गुजरेगा आपका दिन, जानें 29 अप्रैल 2024 का दैनिक राशिफल

अगला लेख