प्रेमियों को भाया करवा चौथ पर्व

करवा चौथ पर रस्में निभा रहें हैं प्रेमी

राजश्री कासलीवाल
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कार्तिक मास में कृष्णपक्ष की चतुर्थी पर भारतीय परिवारों में पूरी परंपरा और उल्लास से करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। हमारे पौराणिक धर्म में शिव-पार्वती को सबसे आदर्श युगल माना जाता हैं। और इसीलिए हमारे यहाँ पति-पत्नी के बीच के सारे पर्व और त्योहार इन्हीं पति-पत्नी से जुड़े हुए हैं।

हरतालिका हो या मंगलागौरी, जया-पार्वती या करवा चौथ पर अपने पति के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए किया जाने वाला यह व्रत हर विवाहित स्त्री के जीवन में एक नई उमंग लाता है। कुँवारी युवतियाँ अपने लिए शिव की तरह प्रेम करने वाले पति की कामना करती है और इसके लिए सोलह सोमवार से लेकर जया-पार्वती तक के सभी व्रत पूरी आस्था से करती है। लेकिन अब इस प्रेम की अभिव्यक्ति में नया मोड़ आ गया है।

समय बदलने के साथ-साथ करवा चौथ का स्वरूप भी इन दिनों बदल गया है। आधुनिकता भरे इस दौर में हमने अपनी परंपरा तो नहीं छोड़ी है, लेकिन इसमें और ज्यादा समर्पण और प्रेम की अभिव्यक्ति दिखाई देती है। मूलतः महिलाओं द्वारा किए जाने वाले इस व्रत से आजकल पति भी जुड़ने लगे हैं। पत्नी के समर्पण और प्रेम का प्रतिदानस्वरूप पति भी उनके साथ उपवास कर दे रहे हैं। इस बहाने दोनों के बीच का रिश्ता और मजबूत और प्रभावी बनता है।

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बदलते करवा चौथ का स्वरूप अब प्रेमियों तक आकर ठहर गया है। करवा चौथ का व्रत पत्नियों के साथ अब सिर्फ पति ही नहीं करते बल्कि प्रेमी भी अपनी प्रेमिका यानी माशूका के लिए खास तौर पर यह व्रत रखते हैं। प्रेमी भी पूरे दिन अपनी प्रेमिका के लिए भूखे-प्यासे रहकर फिर रात को चन्द्र दर्शन करने के बाद ही अपनी प्रेमिका के हाथ से जल ग्रहण करते हैं। चाहे प्रेमिका उनके लिए करवा चौथ का व्रत करें या न करें फिर भी प्रेमी ‍दीवाने की तरह अपनी प्रेमिका का ख्याल रखकर उसके लिए यह व्रत रखकर मन ही मन संतुष्टी का अनुभव करते है।

वाकई यह बात बहुत ही अच्छी और अनूठी है कि सिर्फ पति-पत्नी ही जीवन भर साथ रहने, अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए यह व्रत करती है। लेकिन प्रे‍मी द्वारा अपनी प्रेमिका को दिया गया है उपहार भी कुछ कम नहीं आँका जा सकता। भले ही अभी उनकी शादी नहीं हुई हो लेकिन फिर भी इस बात‍ का अहसास की वह अपनी प्रेमिका से वास्तव में कितना प्यार करते है। अगर दुनिया के सारे प्रेमी-प्रेमिका नाजुक रिश्‍ते से खिलवाड़ न करके इस तथ्‍य की वास्तविकता को समझें और रिश्ते निभाएँ तो सचमुच करवा चौथ का उत्साह दुगुना हो जाएगा।

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