Karva Chauth Niyam : करवा चौथ पूजा के 20 जरूरी नियम, आपको पता होना चाहिए

Webdunia
शनिवार, 23 अक्टूबर 2021 (06:07 IST)
करवा चौथ का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 01 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन विवाहिताएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही अच्छे वर की कामना से अविवाहिताएं भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। आओ जानते हैं इस व्रत को रखने के 20 खास नियम।
 
ALSO READ: करवा चौथ की 1 नहीं 4 लोककथाएं हैं, यहां पढ़ें चारों कहानियां एक साथ
1. यह व्रत सूर्योदय से पहले से प्रारंभ हो जाता है। उसके पूर्व कुछ भी खा-पी सकते हैं। उसके बाद जब तक रात्रि में चंद्रोदय नहीं हो जाता तब तक जल भी ग्रहण नहीं करते हैं। यदि कोई स्वास्थय समस्या है तो जल पी सकते हैं।  
 
2. चन्द्र दर्शन के पश्चात ही इस व्रत का विधि विधान से पारण करना चाहिए।
 
3. शास्त्र अनुसार केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया हो वही स्त्रियां ये व्रत रख सकती हैं। 
 
4. पत्नी के अस्वस्थ होने की स्थिति में पति ये व्रत रख सकते हैं।
ALSO READ: घर को पेंट करवा रहे हैं, तो 5 वास्तु टिप्स आपके काम आएंगे
5. .करवा चौथ की पूजा में करवा माता के अतिरिक्त भगवान शिव, गणेश, माता पार्वती और कार्तिकेय सहित नंदी जी की भी पूजा की जाती है।
 
5. संध्या के समय चंद्रोदय से लगभग एक घंटा पूर्व शिव-परिवार (शिवजी, पार्वतीजी, गणेशजी और कार्तिकेयजी सहित नंदीजी) की पूजा की जाती है। इसके अवला चंद्रदेव की पूजा करना भी जरूरी है।
 
6. पूजन के समय देव-प्रतिमा का मुख पश्चिम की ओर होना चाहिए तथा महिला को पूर्व की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
 
7. इस व्रत के दौरान महिलाओं को लाल या पीले वस्त्र ही पहनना चाहिए।
 
8. इस दिन पूर्ण श्रृंगार करना चाहिए। महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं।
 
9. इस दिन पारण के समय अच्छा भोजन करना चाहिए।
 
10. व्रत वाले दिन कथा सुनना बेहद जरूरी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि करवाचौथ की कथा सुनने से विवाहित महिलाओं का सुहाग बना रहता है, उनके घर में सुख, शान्ति,समृद्धि आती है और सन्तान सुख मिलता है।
ALSO READ: Karwa And Sargi : करवा क्या होता है, किसे कहते हैं सरगी, जानिए यहां
11. करवा चौथ व्रत की कथा सुनते समय साबूत अनाज और मीठा साथ में अवश्य रखें। 
 
12. इस दिन कहानी सुनने के बाद बहुओं को अपनी सास को बायना देना चाहिये।
 
13. चंद्रमा का उदय होने के बाद सबसे पहले महिलाएं छलनी में से चंद्रमा को देखती हैं फिर अपने पति को, इसके बाद पति अपनी पत्नियों को लोटे में से जल पिलाकर उनका व्रत पूरा करवाते हैं। 
 
14. कुआंरी महिलाएं चंद्र की जगह तारों को देखती हैं।
 
15. जब चंद्रदेव निकल आएं तो उन्हें देखने के बाद अर्घ्य दें।
 
16. इस व्रत में कहीं सरगी खाने का रिवाज है, तो कहीं नहीं है। इसलिए अपने परंपरा के अनुसार ही व्रत रखना चाहिए। सरगी व्रत के शुरू में सुबह दी जाती है। एक तरह से यह आपको व्रत के लिए दिनभर ऊर्जा देती है।
 
17. इस व्रत में मिट्टी के करवे लिए जाते हैं और उनसे पूजा की जाती है।
 
18. इस व्रत में किसी भी प्रकार का क्रोध करना, गृह कलेश करना मना है।
 
19. इस दिन काले रंग के वस्त्र नहीं पहने चाहिए।
 
20. इस दिन सफेद रंग की वस्तुओं का दान न करें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ

Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त

Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru asta 2024 : गुरु हो रहा है अस्त, 4 राशियों के पर्स में नहीं रहेगा पैसा, कर्ज की आ सकती है नौबत

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा

कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन

अगला लेख