रोमांस और रोमांच में गुंथी करवा चौथ की मधुर परंपराएं

Webdunia
प्रीति सोनी 
करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु के लिए किया जाता है, यह बात सभी जानते हैं। देखा जाए तो हिन्दू संस्कृति में इस तरह के और भी व्रत हैं, जो महिलाएं अपने पति के लिए करती हैं। लेकिन करवा चौथ के प्रति लोगों में अलग ही दिलचस्पी होती है। इसका प्रमुख कारण इसकी रोचक परंपराएं हैं, जिन्हें ज्यादातर फिल्मों में प्रदर्श‍ित किया जाता है। इन्हीं परंपराओं ने करवा चौथ को बेहद खास बना दिया है। जानिए कौन-कौन सी हैं यह परंपराएं - 
 
करवा चौथ की सबसे प्रचलित और दिलचस्प परंपरा, चांद को अर्ध्य देकर चलनी में से अपने पति को देखना है। इस परंपरा में चांद का पूजन कर से अर्ध्य दिया जाता है, उसके बाद उसे चलनी में दिया रखकर चांद के दर्शन किए जाते हैं, फिर उसी चलनी से पति को देखा जाता है। कहने को भले ही यह परंपरा हो, लेकिन नवविवाहित जोड़ों में खासतौर से इस तरह के रीति रिवाज़ अलग ही रोमांच पैदा करते हैं।

यह पर्व न केवल पति-पत्नी के संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि सास बहू के रिश्ते में भी मधुरता लाता है। क्योंकि परंपरा के अनुसार जब किसी सुहागन का पहला करवा चौथ होता है तब उसके मायके पक्ष द्वारा सास के लिए सरगी, सुहाग का सामान और उपहार स्वरूप साड़ी भेजी जाती है। इसके बाद सास अपनी बहू को सरगी देती है। इस प्रकार यह व्रत सास-बहू के रिश्तों में भी प्रगाढ़ता लाता है।
 
करवाचौथ के दिन दो चीजें काफी महत्वपूर्ण होती है- 'सरगी' और 'बाया'। यह दो चीजें तोहफे में आवश्यक रूप से दी जाती हैं। इसके बिना करवाचौथ का पर्व अधूरा माना जाता है। इसेसे भी पति-पत्नी का रिश्ता और भी गहरा होता है। 'सरगी' के साथ तरह-तरह की मिठाइयां और कुछ कपड़े दिए जाते हैं, जिसे करवाचौथ करने वाली महिलाएं सूर्योदय के पहले ही खा सकती हैं। उपवास शुरू होने के बाद इसे नहीं खाया जाता।

'बाया' लड़के को ससुराल पक्ष की ओर से दिया जाता है। जिसमें बादाम, मठरी और कुछ कपड़े दिए जाते हैं। जबकि 'सारगी' सास अपनी बहू को देती है। पहले जहां 'सारगी' और 'बाया' एक परंपरा के रूप में लिया जाता था वहीं अब इसमें फैशन का पुट भी शामिल हो गया है। 
 
एक तरफ जहां पति अपने लिए किए गए व्रत पर हर्ष पकट करते हैं वहीं अन्न जल त्यागकर किए गए व्रत में पत्नी को उपहार देने का भी रिवाज है, जो पत्नी के लिए उत्सुकता और रोमांचक क्षण होता है। इस तरह से करवा चौथ की परंपराएं न केवल आपसी रिश्तों में मधुरता लाती है, साथ ही एक अलग ही रोमांच भी पैदा करती हैं। 
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