शरद पूर्णिमा विशेष कविता : चलो चांद पर...

Webdunia
- राजेन्द्र कोचला 'अम्बर' 


 
चलो चांद पर चंदू चाचा,
सबको चमचम चमकाएंगे।
चांदी की थाली में हम,
खीर चमकती खाएंगे।।
 
चूहा भैया साथ चलेगा,
चींटी को ले जाएंगे।
चुन-चुन खाती चिड़िया को,
चारों ओर नचाएंगे।।
 
चलेगी चकला गाड़ी चांद पर,
चुन्नू को चिढ़ाएंगे।
चांदनी में चहकेंगे सब,
चांद के गीत गाएंगे।।
 
चांदी सी होगी चाची,
चाचा होंगे चांदी से
चांदी का होगा पलंग,
सपने होंगे चांदी से।।
 
चांदी-चांदी रजनी होगी,
चौराहे होंगे चांदी से।
चूं-चूं करती सोनचिरैया,
तिनके होंगे चांदी से।।
 
चुनिया की चमकेगी चुनरी,
चांद सी होगी बिंदिया।
खोई-खोई मुनमुन होगी,
चांदी सी होगी निंदिया।।
 
सपनों में चांदी के घोड़े,
आसमान में चमकेंगे।
चांदी से दिल अपने,
चांदी से महल दमकेंगे।।
 
चलो चांद पर अब तो चाचा,
चांदनी से क्यों चमक रहे हो।
डरना मत तुम चीते से,
चलते-चलते क्यों बहक रहे हो।।

साभार- देवपुत्र 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

कौन था वह राजकुमार, जिसकी हत्या विश्व युद्ध का कारण बन गई? जानिए कैसे हुई World War 1 की शुरुआत

कौन हैं भारत के सबसे अमीर मुस्लिम? भारत के सबसे बड़े दानवीर का खिताब भी है इनके नाम

डॉलर या पाउंड नहीं, ये है दुनिया की सबसे महंगी करेंसी, जानिए इसके मुकाबले कहां ठहरता है आपका रुपया

बरसात के मौसम में ये 5 आसान योगासन कर सकते हैं आपकी इम्युनिटी की रक्षा

सदाबहार की पत्तियां चबाकर खाने के ये 7 फायदे नहीं जानते होंगे आप

सभी देखें

नवीनतम

Tuslidas Jayanti: तुलसीदास के 3 चुनिंदा दोहे जिनमें छुपा है श्रीराम जैसा जीवन जीने का रहस्य

गोस्वामी तुलसीदास जयंती, जानें जीवन परिचय, पूजा का शुभ मुहूर्त और प्रमुख रचनाएं

हम दोस्तों में दुनिया देखते हैं... Friendship Day पर अपने जिगरी दोस्तों को भेजें ये अनमोल शायरी

हिन्दी साहित्य के महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती, जानें 10 प्रसिद्ध कहानियां

कौन सा शहर था दिल्ली से पहले देश की राजधानी और क्यों हुआ बदलाव?

अगला लेख