विजयादशमी पर कविता : दशहरा का तात्पर्य

Webdunia
दशहरा का तात्पर्य, सदा सत्य की जीत।
 
गढ़ टूटेगा झूठ का, करें सत्य से प्रीत॥
 
सच्चाई की राह पर, लाख बिछे हों शूल। 
 
बिना रुके चलते रहें, शूल बनेंगे फूल॥
 
क्रोध,कपट,कटुता,कलह,चुगली अत्याचार।
 
दगा, द्वेष, अन्याय, छल, रावण का परिवार॥ 
 
राम चिरंतन चेतना, राम सनातन सत्य।
 
रावण वैर-विकार है, रावण है दुष्कृत्य॥
 
वर्तमान का दशानन, यानी भ्रष्टाचार।
 
आज दशहरा पर करें, हम इसका संहार॥
 
- अजहर हाशमी 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

मदर्स डे पर शेयर करें मां पर लिखें गए ये 20 दिल छूने वाले कोट्स, स्टेटस और शुभकामना संदेश

वॉर की खबरें सुनकर बढ़ रहा है डिप्रेशन और स्ट्रेस? एक्सपर्ट से जानें इस सेकंडहैंड ट्रॉमा से कैसे बचें

घर के चिराग के लिए 'प्र' से शुरू होने वाले नाम और उनके अर्थ, हर नाम है एक से बढ़ कर एक

गर्मी में फटे होठों के लिए बेस्ट है ये होममेड लिप बाम, जानिए बनाने का तरीका

सिर दर्द को मिनटों में दूर करेंगे ये 5 योगासन, जानिए इन्हें करने का आसान तरीका

सभी देखें

नवीनतम

टीचर और स्टूडेंट का चटपटा लाजवाब जोक : अच्छे लोग, बुरे लोग

Buddha Quotes: जीवन बदल देंगे आपका, गौतम बुद्ध के 10 प्रेरक विचार

बुद्ध जयंती पर इन सुंदर शब्दों में दें अपनी शुभकामनाएं, पढ़ें 10 प्रेरणादायी संदेश

भारत का अद्भुत पराक्रम

गर्मियों में आइस एप्पल खाने के फायदे, जानें क्यों कहलाता है सुपरफ्रूट

अगला लेख