टोप नहीं साहब के सिर पर,
सिर नंगा है साहब का।
नंगा सिर देखा तो देखा,
सिर गंजा है साहब का।
नंगे सिर पर, गंजे सिर पर,
तबला बजता शान से।
मच्छर मक्खी बड़े तबलची,
आए हैं ईरान से।
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)