शरद पूर्णिमा पर हाइकू रचना : चांद...

सुशील कुमार शर्मा
हाइकू 20
 

 
चांद सी गोल
गरीब की रोटियां
थाली में तारे।
 
चांद किनारे
सुनहरे सपने
बुनने तो दो।
 
चांद-चकोरी
कहकर बतियां
बहलाओ ना।
 
चांद छत पे
पर तुम न मिले
कल का वादा।
 
छुपता चांद
घूंघट में चेहरा
दीदार तेरा।
 
ईद का चांद
चिलमन से झांका
प्यारा चेहरा।
 
मन का चांद
अनंत आसमान
उड़ता पंछी।
 
शुभ्र धवल
उज्ज्वल प्रांजल
शशि नवल।
 
चांद-सी बिंदी
सुहागन के माथे
पिया का संग।
 
चांद निकला
पर तुम न आए
उदास रात।
 
चांद का दाग
मुख पर ढिटोना
कित्ता सलोना।
 
नीरज निशा
पिया गए विदेश
बैरी निंदिया।
 
चांद-सी तुम
बिखेरती चांदनी
महकी रात।
 
तुम्हें क्या कहूं
चौदहवीं का चांद
या आफताब।
 
चंदा रे चंदा
संदेशा उन्हें देना
पिया बावरी।
 
ओ चंदा मामा
मुनिया के खिलौने
साथ में लाना।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पुनर्जन्म के संकेतों से कैसे होती है नए दलाई लामा की पहचान, जानिए कैसे चुना जाता है उत्तराधिकारी

हिंदू धर्म से प्रेरित बेबी गर्ल्स के अ से मॉडर्न और यूनिक नाम, अर्थ भी है खास

बिना धूप में निकले कैसे पाएं ‘सनशाइन विटामिन’? जानिए किन्हें होती है विटामिन डी की कमी?

क्या दुनिया फिर से युद्ध की कगार पर खड़ी है? युद्ध के विषय पर पढ़ें बेहतरीन निबंध

शेफाली जरीवाला ले रहीं थीं ग्लूटाथियोन, क्या जवान बने रहने की दवा साबित हुई जानलेवा!

सभी देखें

नवीनतम

कॉफी सही तरीके से पी जाए तो बढ़ा सकती है आपकी उम्र, जानिए कॉफी को हेल्दी बनाने के कुछ स्मार्ट टिप्स

खाने में सफेद नमक की जगह डालें ये 5 चीजें, मिलेगा परफेक्ट और हेल्दी टेस्ट

'आ' से रखना चाहते हैं बेटे का नाम, ये रहे अर्थ के साथ बेहतरीन विकल्प

नज़्म: टपकती छतें...

इटावा की घटना भयभीत करने वाली

अगला लेख