नए साल पर कविता : नववर्ष मुबारक हो सबको...

शम्भू नाथ
नववर्ष मुबारक हो सबको,
सबके घर खुशियां आ जाए।


 
मेरे हाथों से रचित ये रचना,
सबके मन को भा जाए।
 
प्रेम-मुहब्बत बना रहे,
आपस में सबसे मेल रहे।
हंसी-खुशी से वक्त कटे,
ज्यादा नहीं झमेल रहे।
 
ये छोटी-सी रचना मेरी,
मातृभाषा में छा जाए।
 
उन्नति की सबको लगन लगे,
सब खुशी के फूल खिलाएंगे।
अपना फर्ज निभाते हुए सब,
संबंध को मधुर बनाएंगे।
 
मेरी रचना का उद्देश्य यही है,
जल्द सच का डंका बज जाए।

 
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