बच्चों की लोरी : निंदिया आई अब तू सो जा

कृष्ण वल्लभ पौराणिक
दिल के टुकड़े मेरे भानू
निंदिया आई अब तू सो जा
आंखें भारी और उबासी ने 
घेरा है अब तू सो जा ...1
दूध पिया है तूने जी भर
आंख मीचकर अब तू सो जा
दिनभर खेला और थका है
सुस्ताना है अब तू सो जा ...2
 
परियां आकर ले जावेंगी
परीलोक में अब तू सो जा
वहां मिलेंगे तुझको तारे
और चन्द्रमा अब तू सो जा ...3
 
बातें करना तू चन्दा से
और तारों से अब तू सो जा
मां की गोदी ऐसी प्यारी
मखमल तकिया अब तू सो जा ...4
 
टी.वी. की लोरी कहती है
देर हो गई अब तू सो जा
तुझे थपकते थकी आज मैं
झपकी आई अब तू सो जा ...5
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