प्रेरक कविता : निराश न होना...

अंशुमन दुबे (बाल कवि)
एक चमकती किरण कई पुष्प खिला सकती है,
क्षणभर की हिम्मत जीत का एहसास दिला सकती है।


 
वे लोग जो असफलता से निराश हो अंधकार में जी रहे हैं,
एक छोटी सी मुस्कान कितने ही दीप जला सकती है।
 
इस दुनिया में कष्ट से कोई नहीं अछूता है,
किसी न किसी दुख से भरी गागर है।
हंसकर सहो तो कड़वी बूंदों के कुछ घूंट हैं,
रोकर सहो तो दुखों का विशाल सागर है।
 
जब असफलता की चोट लगे गहरी,
तो सारा साहस बटोरकर, मुस्कुराहट ला सकते हो।
हारे हुए मन को जीने का साहस दिलाकर,
जीन की एक वजह से मिला सकते हो।
 
तुमसे कोई जीवन की सीख ले सकता है,
तुम्हें देखकर कोई और भी जी सकता है।
गम को कभी कमजोरी न बनने देना,
अपनी आंखों को कभी नम न होने देना।
 
यहां जीवन जीकर सभी को मरना है,
दो वक्त की रोटी से अपना पेट भरना है।
फिर तकलीफों से क्यों डरता है दोस्त,
भला निराश होकर भी क्या करना है।
 
साभार- छोटी-सी उमर (कविता संग्रह) 

 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

गर्मियों में इन हर्बल प्रोडक्ट्स से मिलेगी सनबर्न से तुरंत राहत

जल की शीतलता से प्रभावित हैं बिटिया के ये नाम, एक से बढ़ कर एक हैं अर्थ

भारत-पाक युद्ध हुआ तो इस्लामिक देश किसका साथ देंगे

बच्चों की कोमल त्वचा पर भूलकर भी न लगाएं ये प्रोडक्ट्स, हो सकता है इन्फेक्शन

पाकिस्तान से युद्ध क्यों है जरूरी, जानिए 5 चौंकाने वाले कारण

सभी देखें

नवीनतम

प्रभु परशुराम पर दोहे

अक्षय तृतीया पर अपनों को भेजें समृद्धि और खुशियों से भरे ये प्यारे संदेश

भगवान परशुराम जयंती के लिए उत्साह और श्रद्धा से पूर्ण शुभकामनाएं और स्टेटस

समर्स में शरीर की गर्मी बढ़ा देती हैं ये चीजें, पड़ सकते हैं बीमार

गर्मी के दिनों में फैशन में हैं यह कपड़े, आप भी ट्राय करना ना भूलें