✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
बाल कविता : नए साल क्या-क्या बदलें?
प्रभुदयाल श्रीवास्तव
बोलो-बोलो क्या-क्या बदलें,
हवा और क्या पानी बदलें?
स्वच्छ चांदनी रातें बदलें,
या फिर धूप सुहानी बदलें?
शीतल मंद पवन के झोंके,
आंधी के पीछे पछियाते।
मीठा-मीठा गप कर लेते,
कड़ुआ कड़ुआ थू कर जाते।
हवा आज बीमार हो गई,
पानी दवा नहीं बन पाया।
तूफानों ने हर मौसम को,
आंसू-आंसू खूब रुलाया।
बैतालों को बदल न पाए,
विक्रम की नादानी बदलें?
पहले अंगुली फिर पहुंचे पर,
पूरा हाथ पकड़ फिर लेता
बाहुबली सागर नदियों को,
किसी तरह काबू कर लेता।
क्यों विराट का लक्ष्य यही है,
लघुता को संपूर्ण मिटाना।
भले रोम जलता रहता हो,
नीरो से वंशी बजवाना।
मच्छर का अस्तित्व मिटाएं,
या फिर मच्छरदानी बदले?
ऐसे-ऐसे एक था राजा,
एक हुआ करती थी रानी।
इसी तरह बच्चों से कहती,
रहती रोज कहानी नानी।
जनता बहुत त्रस्त राजा से,
रानी भी आतंक मचाती।
प्रजा बेचारी डर के मारे,
खुलकर के कुछ कह न पाती।
जनता को जड़-मूल मिटा दें।
या फिर राजा-रानी बदलें?
पीली सरसों के घोड़े पर,
चढ़ बसंत फिर-फिर आ जाता।
मेरे घर के लगा सामने,
आम कभी अब न बौराता।
बड़े शहर की किसी सार में,
गाय-भैंस अब नहीं रंभाते।
तथाकथित छोटे आंगन में,
कार बाइक अब बांधे जाते।
दुनिया को तो बदल न पाए
क्या हम रामकहानी बदलें?
नए साल में क्या-क्या होगा,
वही कहानी वही तमाशे।
सच्चाई पर नहीं पड़ेंगे!
क्या झूठों के रोज तमाचे?
सड़क-गली में नहीं दिखेंगे,
क्या अब नहीं भिखारी बच्चे?
गांव-शहर में नहीं बचेंगे,
डाकू, गुंडे, चोर, उचक्के?
नहीं अतिथि जब संभल सके तो,
क्यों न फिर यजमानी बदलें?
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
Show comments
सभी देखें
जरुर पढ़ें
सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे
थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव
गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन
वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे
गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे
सभी देखें
नवीनतम
फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड
01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में
चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ
गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे
Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?